गजलक्ष्मी मंदिर में सिंदूर के लिए महिलाओं की उमड़ी भीड़

वर्ष में एक बार सुहाग पड़वा पर पुजारी परिवार द्वारा सिंदूर  वितरित किया जाता है
उज्जैन। लखेरवाड़ी के समीप माता गजलक्ष्मी के मंदिर में मंगलवार को सुहाग पड़वा के अवसर पर  महिलाओं की दर्शन के लिए जमकर भीड़ उमड़ी। यहां मंदिर में सुहाग पड़वा के दिन पुजारी परिवार द्वारा महिलाओं को सुहाग का सिंदूर दिया जाता है। जिसे लेकर मंदिर में सुबह से की महिलाओं की भीड़ लगी रही। दीपावली के बाद मंगलवार को सुहाग पड़वा के अवसर पर लखेरवाड़ी के समीप गज लक्ष्मी माता मंदिर में सुबह से ही दर्शन के लिए महिलाओं की जमकर भीड़ लगी थी। यहां पुजारी परिवार की तरफ से सुहाग पड़वा के दिन महिलाओं को सुहाग का सिंदूर दिया जाता है। मान्यता यह है कि यहां का सिंदूर घर में संभाल कर रखने से माता जी की कृपा हमेशा बरसती है। घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। हालांकि दीपावली के एक दिन बाद यह सिंदूर महिलाओं को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। लेकिन रविवार को दीपावली का त्यौहार व सोमवार को अमावस्या होने की वजह से मंगलवार को सुहाग पड़वा मनाई गई है बताया जाता है कि श्रद्धालु द्वारा चढ़ाए जाने वाला सिंदूर पुजारी परिवार संभाल कर रखते हैं। इसके बाद साल में एक बार सुहाग पड़वा के अवसर पर यह सिंदूर महिलाओं को वितरित किया जाता है। मंदिर के पुजारी राजेश शर्मा ने बताया कि गज पर सवार लक्ष्मी जी की प्रतिमा लक्ष्मी के आठ रूपों में से एक है। शहर के मुख्य बाजार लखेरवाड़ी के समीप यह गज लक्ष्मी का मंदिर अति प्राचीन है। दीपावली पर्व पर यहां मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। यह मंदिर 2000 वर्ष पुराना है और इस मंदिर का स्कंद पुराण में भी उल्लेख है।