बलाई समाज में भाजपा के मालवीय कांग्रेस के मालवीय पर भारी

दैनिक अवन्तिका(उज्जैन) विधानसभा क्षेत्र 215 अजा के लिए आरक्षित है, यहां वर्तमान विधायक रामलाल मालवीय कांग्रेस के प्रत्याशी है। वहीं भाजपा ने सतीश मालवीय को प्रत्याशी बनाया है। सतीश मालवीय 2013 में कांग्रेस के रामलाल मालवीय को हार का मुंह दिखा चुके हैं। 2018 में भाजपा ने सतीश मालवीय का टिकट काटकर कांग्रेस से भाजपा में आए प्रेमचंद गुड्डू के पुत्र अजीत बोरासी को प्रत्याशी बनाया था। अजीत बोरासी को कांग्रेस के रामलाल मालवीय ने करीब 4500 वोट से हराकर यह सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी थी। इस बार भाजपा ने फिर से सतीश मालवीय पर भरोसा किया है वैसे देखा जाए तो सतीश मालवीय के कार्यकाल में विकास के अनेक बड़े कार्य हुए जिसमें उन्हेल क्षेत्र में स्थाई बस स्टैंड, सार्वजनिक गार्डन, रोड़ सौंदर्यकरण, स्टेडियम के रूप में में कई बड़ी सौगात मिली थी साथ ही भाजपा सरकार में अभी पूर्व विधायक के नाते मुख्यमंत्री से उन्हेल को तहसील का दर्जा भी आपके द्वारा दिलाया गया, कांग्रेस के प्रत्याशी जब 1998 में पहली बार विधायक बने थे उस समय आपके द्वारा मेलनाथ डैम की सौगात आलोट जागीर में दी गई थी 2008 में आप दूसरी बार विधायक बने आपके कार्यकाल में 2009 में स्मीपस्थ ग्राम पिपलिया मोलू में नवोदय विद्यालय स्वीकृत हुआ था उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी स्वीकृत विद्यालय की पिपलिया मोलू में सरकारी जमीन के सीमांकन की कार्रवाई भी हो गई थी किंतु आपकी निष्क्रियता से नवोदय विद्यालय खाचरोद नागदा के विधायक अपने प्रभाव से नागदा में ले गए आपकी निष्क्रियता से क्षेत्र की एक बड़ी सौगात यहां से चली गई, क्षेत्र में प्रचार दोनों दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा जोरों से किया जा रहा है। भाजपा के मालवीय अपने द्वारा किए गए विकास कार्य एवं सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर जनता को लुभा रहे हैं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशी कमलनाथ का घोषणा पत्र पढ़ रहे हैं एवं भाजपा प्रत्याशी की कार्यशैली के गुणगान करते रहे है, सामाजिक गणित से इस विधानसभा क्षेत्र में बलाई समाज के वोट सबसे अधिक है जो पिछले चुनाव में कांग्रेस के रामलाल मालवीय को एक तरफा मिले थे, जिस पर इस बार भाजपा के सतीश मालवीय ने अच्छी पकड़ बना ली है, क्योंकि कांग्रेस के मालवीय धन्ना सेठों एवं बड़े लोगों की जी हजूरी एवं उनके कहने पर ही कार्य करते हैं अपनी मर्जी से निर्णय लेने में सक्षम नहीं रहे हैं दूसरी ओर भाजपा के सतीश मालवीय ने बड़े समाजों के साथ छोटे समाजों को भी महत्व दिया है दोनों मालवीय में सबसे बड़ा अंतर यह देखने को मिला है कांग्रेस के मालवीय अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहे हैं दूसरी और भाजपा के प्रत्याशी सतीश मालवीय के सामने अधिकारी हाथ जोड़कर खड़े रहते हैं अधिकारियों पर सतीश मालवीय का टेलीफोन जाने पर तत्काल कार्रवाई हो जाती थी दूसरी और कांग्रेस के मालवीय के टेलीफोन के बाद भी बिना वजन के अधिकारी कार्य नहीं करते थे, दोनों ही दल अपनी अपनी ताकत लगा रहें हैं 17 नवंबर को क्षेत्र के मतदाता दोनों का भविष्य तय करेंगे, देखते हैं कौन सा मालवीय विधानसभा पहुंचेगा, संगठन में भी भाजपा का पलड़ा भारी है, क्षेत्र में कांग्रेस संगठन की बात करें तो कुछ लोग दबी जवान से चौराहे पर चर्चा करते हैं कि रामलाल मालवीय अपनी ही पार्टी का उन्हेल ब्लॉक नहीं बना सके, वर्षों से नागदा ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष ही चल रहा है दूसरी और उन्हेल शहर अध्यक्ष का पद नकली चल रहा है भोपाल एवं दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में इस पद की कोई नियुक्तियां नहीं है वर्षों से नकली पद पर अपने हिसाब से नियुक्तियां कर रहे हैं जब संगठन ही व्यवस्थित नहीं कर सके इतने वर्षो में तो बाकी का तो भगवान ही मालिक है ऐसा कांग्रेस के कार्यकतार्ओं का कहना है दूसरी और संगठन की परिधि को तक में रखते हुए नकली अध्यक्षों के साथ नकली कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर मनचाही नियुक्तियां कर रहे हैं जिसका प्रदेश कांग्रेस में कोई रिकॉर्ड नहीं है रामलाल मालवीय अपने कार्यों के बजाय दूसरे प्रत्याशी के विरोध के कारण जीतने वाले नेता हैं जो इसी कारण लगातार चुनाव नहीं जीते हैं।