आखिर कब थमेगा श्रद्धालुओं के साथ वारदातों का सिलसिला -बदमाशों ने फिर कार का कांच फोड़ उड़ाया सामान
दैनिक अवंतिका(उज्जैन) महाकाल मंदिर के आसपास बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ आये दिन वारदते हो रही है। बदमाश जहां कारों के कांच फोड़ कर सामान चोरी कर रहे है, वहीं आस्था की भीड़ में पहुंचकर पर्स, मोबाइल उड़ाया जा रहा है। पुलिस शिकायत दर्ज कर रही है, लेकिन बदमाशों को पकड़ नहीं पा रही है।
महू के जवाहरनगर से बीटेक की पढ़ाई कर रहा अंशुल पिता दिनेश तिवारी अपने परिवार के साथ महाकाल दर्शन करने कार से आया था। परिवार ने कार जयसिंहपुरा के हनुमंत पार्किंग में खड़ी की थी। जिसका शुल्क भी पार्किंग संचालक को दिया था। दर्शन के बाद परिवार वापस लौटा तो कार को पिछला कांच फूटा होना सामने आया। बदमाशों ने वारदात को अंजाम देते हुए सीट पर रखा बेग चोरी कर लिया था। जिसमें 15 सौ रूपये नगद, सोने के टॉप्स और 20 हजार रूपये से अधिक कीमत का मोबाइल रखा हुआ था। पार्किंग संचालक ने वारदात की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया। अंशुल ने मामले की शिकायत महाकाल थाने पहुंचकर दर्ज कराई। बुधवार को हुई वारदात से पहले 10 नवबंर को बदमाशों ने नृसिंहघाट के पास पार्किंग से शिवाजी पार्क में रहने वाले अवि पिता संजय बागड़ी की कार का कांच फोड़कर मोबाइल, नगदी चोरी करने की वारदात को अंजाम दिया था। पिछले 6 माह में 2 दर्जन से अधिक वाहनों के कांच फोड़कर बदमाश वारदात कर चुके है, लेकिन पुलिस अब तक बदमाशों का पता नहीं लगा पाई है। यही नहीं बदमाश बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ भीड़ का फायदा उठाकर भी सामान उड़ाने का काम कर रहे है। 2 दिन पहले इटली से आये श्रद्धालुओं के दल में शामिल महिला के पर्स से 600 डालर, पासपोर्ट और वीजा चोरी कर लिया गया था। पुलिस फुटेज देखने के बाद भी वारदात करने वाले का पता नहीं लगा पाई है। श्रावण-भादौ मास के दौरान भी मंदिर और महाकाल की सवारी मार्ग पर दर्जनों श्रद्धालुओं के साथ वारदात हुई। बदमाशों ने जमकर चेन स्नेचिंग, पर्स चोरी, मोबाइल चोरी को अंजाम दिया और भाग निकले। महाकाल मंदिर के आसपास लगातार होती वारदातों को लेकर पुलिस गंभीर दिखाई नहीं दे रही है। पार्किंग संचालको से पूछताछ नहीं की जा रही है, जबकि वह वाहनों की सुरक्षा का चार्ज वसूल रहे है। आशंका जताई जा रही है कि पार्किेग में वाहन खड़े करने वाले श्रद्धालुओं के साथ होने वारदातों में इनके ही साथियों का हाथ हो सकता है। पुलिस सख्ती से बदमाशों का पता लगाये तो मामलों का खुलासा हो सकता है।