आदिवासी अंचल में तांत्रिक का इलाज…सिरदर्द हुआ तो तलवार से काट दी चमड़ी..
धारा। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आज भी लोग अपनी शारीरिक समस्या के लिए भी डॉक्टर की बजाय तांत्रिकों व ओझाओं के पास जाते हैं। 21वीं सदी के इस दौर में भी वे झाड़-फूंक करने वाले तांत्रिक यानी बड़वों की गिरफ्त में हैं। चाहे छोटी-मोटी बीमारी हो या सर्पदंश जैसी घटना। कई ग्रामीण पहले बड़वों की ही शरण में जाते हैं।
महिला को सिरदर्द हुआ तो तलवार से काट दी चमड़ी, हालात बिगड़े तो अस्पताल पहुंची..
जब वे हालात गंभीर हो जाते हैं तो फिर अस्पताल की ओर रुख किया जाता है। ऐसा ही मामला सामने आया। जब एक आदिवासी महिला परिजनों के साथ अपना इलाज कराने अस्पताल पहुंची।
दरअसल, वह इलाज के नाम पर तांत्रिक क्रिया का शिकार हो गई। उसकी आप बीती सुनकर हर कोई हक्का-बक्का रह गया। पुलिस के अनुसार धार जिले के ग्राम बड़वान्या की 30 वर्षीय पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि मेरा सिर व हाथ-पैर दर्द हो रहा था।
बड़वे अनिल पुत्र छप्पन ने कहा- तुझे हवा का चक्कर है। अनिल, उसके भाई जितेंद्र और एक साथी ने मेरे हाथ-पैर व बाल पकड़ लिए। उसके साथ गालीगलौज और मारपीट की गई। इलाज के नाम पर तलवार से कट लगाने लगे, इससे कई जगह चमड़ी कटने से चोट आई, जिससे खून निकलने लगा।
तीनों ने महिला को धमकाया कि किसी को बताया तो जान से खत्म कर देंगे। पुलिस ने युवती की शिकायत पर अनिल, उसके भाई जितेंद्र और एक अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।