कैथोलिक चर्च पर लगा सितारा, मसीही मंदिर में हुई आराधना -क्रिश्चियन समुदाय17 दिसंबर को निकलने का यीशु जन्म संदेश यात्रा

उज्जैन। दिसंबर माह की शुरूआत हो चुकी है। क्रिश्चियन समुदाय के सबसे बड़े पर्व क्रिसमस की रविवार से शुरूआत हो गई। 17 दिसंबर को कैथोलिक चर्च और मसीही मंदिर चर्च से संयुक्त प्रभु यीशु जन्म संदेश यात्रा निकाली जाएगी। 24-25 दिसंबर की रात कैथोलिक चर्च में क्रिसमस पर्व मनाया जाएगा।

क्रिश्चयन समुदाय का सबसे बड़ा पर्व क्रिसमस है। 25 दिसंबर को प्रभु यीशु का जन्म हुआ था। क्रिसमस की शुरूआत दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में आने वाले प्रथम रविवार से हो जाती है। शहर में देवास रोड पर मरिया नगर स्थित कैथोलिक चर्च पर क्रिसमस का सितारा लगाया जा चुका है। रविवार को मसीह मंदिर चर्च में ज्योति की आराधना के साथ क्रिसमस पर्व की शुरूआत हुई। पूरे माह क्रिश्चियन समाज के प्रार्थना भावनों में विशेष आराधना की जाएगी। 17 दिसंबर को समुदाय के लोग प्रभु यीशु जन्म संदेश यात्रा निकलेंगे। जिसमें कैथोलिक चर्च और मसीही मंदिर चर्च के सदस्य और समाजजन संयुक्त रूप से शामिल होंगे। 24 दिसंबर की रात कैथोलिक चर्च में विशेष प्रार्थना सभा की शुरूआत होगी और 12 बजे बजे चर्च भवन परिसर में जुलूस निकाला जाएगा। इसके बाद प्रभु यीशु के जन्म की विधि को दोहराया जाएगा। समाजजन केक काटकर एक दूसरे को बधाई देते हुए क्रिसमस की खुशी मनाएगें। मसीही मंदिर चर्च में रात 12 बजे प्रार्थना होगी और क्रिसमस का पर्व 25 दिसंबर की सुबह मनाया जाएगा।

घर-घर सुनाई देगी केरोल गीत की गूंज..

दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह से क्रिसमस को लेकर केरोल गीत गाए जाने की शुरूआत हो जाएगी। शहर में रहने वाले समाजजनों के घरों पर देर रात तक प्रभु यीशु के जन्म से जुड़े गीत सुनाई देंगे। केरोल गीत में शामिल होने वाले समाजजन मसीही मंदिर चर्च पर एकत्रित होंगे। जहां से केरोल पार्टी समाजजनों के घरों तक क्रिसमस का संदेश देने पहुंचेगी। मरिया नगर कैथोलिक चर्च से भी फादर समाजजनों के घरों पर पहुंच कर प्रार्थना सभा करेंगे और प्रभु यीशु के जन्म का संदेश सुनेंगे। इस दौरान सांता क्लाज बच्चों को उपहार और चॉकलेट वितरित करते दिखाई देंगे।

नववर्ष के साथ होगा पर्व का समापन

3 दिसंबर रविवार से क्रिसमस की शुरूआत हुई है। पूरे माह क्रिश्चयन समाज के प्रार्थना भावनाओं में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वही खेलकूद प्रतियोगिताएं, समाज के वरिष्ठजनों का सम्मान, धर्म ग्रंथ बाइबल से जुड़ी प्रतियोगिता होगी। चर्च भवनों को सजाया जाएगा और क्रिसमस ट्री सजाई जाएगी। समाजजनों के घरों पर भी यीशु जन्म का सितारा लगाया जाएगा। मिशनरी स्कूलों में 23 दिसंबर बाद से अवकाश घोषित कर दिया जाएगा। क्रिसमस का उत्साह पूरे माह बना रहेगा जिसका समापन नववर्ष के प्रथम दिन 1 जनवरी को होगा।