उच्च शिक्षा मंत्री के ऑफ लाइन फैसले पर भड़के छात्र: छात्रों का हंगामा, प्रदर्शन, कुलपति के ऑफिस का घेराव, छात्रों का कहना- बढ़ते कोरोना केस में जान से बढ़कर कुछ नहीं
ब्रह्मास्त्र इंदौर/ भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद उच्च शिक्षा विभाग मंत्री ने निर्णय लिया है कि सभी प्राइवेट और सरकारी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्रों को आकर ही पढ़ाई करना होगा। उन्होंने ऑफलाइन क्लास जारी रखने के निर्देश दिए हैं। मंत्री के इस निर्णय से कॉलेज के छात्र भड़क गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में स्कूल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही खुल रहे हैं। इधर, प्रदेशभर के कॉलेज छात्रों ने ऑफलाइन एग्जाम तक लिए जाने का विरोध शुरू कर दिया है।
मंत्री ने बयान जारी किया है कि
ऑफलाइन क्लास चालू है। देखने में आया है कि कोरोना का नया वैरिएंट आया है। मामले में ज्यादा सावधानी बरतने के निर्देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए हैं। इसके बाद विभाग को नए निर्देश जारी किए हैं। उच्च शिक्षा विभाग कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करेगा। यह एक कठिन समय है। ऐसे में अगर घर से पढ़ाई होती है, तो उस पर प्रभाव पड़ता है। अभी तक की स्थिति को देखते हुए ऑफलाइन क्लास को ही जारी रखा जाएगा।
ऑफ लाइन का विरोध
ऑफलाइन एग्जाम लेने का प्रदेश में विरोध शुरू हो गया है। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी में कल छात्रों ने हंगामा करते हुए प्रदर्शन किया था। छात्रों ने कुलपति के ऑफिस का घेराव किया था। उन्होंने तत्काल ऑफलाइन एग्जाम की जगह ऑनलाइन एग्जाम लिए जाने की मांग की। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ने भी एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय समेत अन्य कॉलेज में भी ऑफलाइन एग्जाम का विरोध हो रहा है।
ऑनलाइन क्लासेस ही होना चाहिए
भाराछासं इंदौर जिला अध्यक्ष अमित पटेल का कहना है कि कोविड की स्थिति को देखते हुए ऑनलाइन क्लासेस लगाई जाना चाहिए। हालांकि इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता है कि ऑनलाइन के कारण क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रहा है, लेकिन जान से बढ़कर कुछ नहीं है। कोविड एक-दूसरे के संपर्क में रहने से ही बढ़ता है। ऐसे में अगर स्टूडेंट्स को कुछ परेशानी होगी तो इसकी जिम्मेदारी किसकी रहगी। जरूरत पड़ी तो ऑफलाइन क्लास को लेकर विरोध भी किया जाएगा।