महाकाल पहुंचने के लिए एयरपोर्ट  टर्मिनल की तरह ट्रेवलेटर बनेगा  श्रद्धालु सिर्फ खड़े होकर सीधे मंदिर तक पहुंच जाएंगे, इसकी लंबाई 700 मीटर होगी  इससे शहर के ट्रैफिक में सुधार होगा, मुख्यमंत्री डॉ. यादव खुद इस प्लान पर कर रहे मंथन    

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 
महाकाल मंदिर पहुंचने के लिए अब एयरपोर्ट टर्मिनल की तर्ज पर उज्जैन में ट्रेवलेटर बनाया जाएगा। इससे न केवल श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए सुविधा मिलेगी बल्कि शहर की ट्रैफिक सुविधा में भी काफी सुधार हो जाएगा।   
उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ रही है। इसमें सुधार के लिए मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नया प्लान तैयार कर लिया है। अपने उज्जैन दौरे के दौरान उन्होंने इसे लेकर उज्जैन नगर निगम के आयुक्त रोशनकुमार सिंह से भी चर्चा की और इस बड़े प्लान को रखा है, जिसे अफसरों ने भी काफी पसंद किया है। जल्द ही इसमें आगे का काम शुरू करने के निर्देश भी दे दिए गए है। क्योंकि महाकाल लोक के बनने से यहां आम दर्शनार्थियों की संख्या 10 गुना तक बढ़ गई है। इससे शहर के लोगों को व्यापार-व्यवसाय में भारी लाभ हो रहा है। लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था गड़बड़ा गई है। इब इसे सुधारने के लिए खुद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रूची लेकर नया प्लान तैयार किया है। इसमें वर्तमान में दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल का उदाहरण दिया गया है। उसी तर्ज पर उज्जैन में भी महाकाल मंदिर पहुंचने के लिए ऐसा ही ट्रेवलेटर बनाया जा सकता है। जिससे श्रद्धालु बगैर ट्रैफिक में फंसे मंदिर पहुंचने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अफसरों से चर्चा के दौरान मन्नत गार्डन की पार्किंग से ट्रेवलेटर बनाने की योजना पर काम करने को कहा है। जिसे सीधे महाकाल लोक में बने नंदी द्वार से जोड़ा जा सकता है। इसकी लंबाई करीब 700 मीटर तक हो सकती है।
जाने ट्रेवलेटर बनने श्रद्धालुओं को क्या लाभ मिलेंगे, कैसे मंदिर पहुंच पाएंगे   इसके बनने से श्रद्धालु बगैर ट्रैफिक में फंसे सीधे मंदिर तक पहुंच पाएंगे। श्रद्धालुओं को ई-रिक्शा या कोई प्राइवेट व्हीकल भी नहीं करना होगा।  ऐसे में श्रद्धालु बगैर खर्च के सीधे मंदिर तक पहुंच  सकेंगे। महाकाल लोक बनने के बाद बड़ी समस्या यही आती है कि श्रद्धालु मंदिर तक अपने वाहन ले जाना चाहते हैं लेकिन वहां वाहनों की संख्या अधिक होने से परेशानी बढ़ जाती है।  पार्किंग फुल हो जाती है, वहीं रोड पर बार-बार वाहनों के जाम की स्थिति बनती है। प्लान पर अमल होता है तो श्रद्धालुओं और प्रशासन की बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है।अनुमानित 30 करोड़ खर्च, पैसा कहां से लेंगे इस चल रहा मंथन ट्रेवलेटर के निर्माण पर करीब 30 करोड़ रुपए का खर्च आएगा है। लेकिन इतना पैसा कहां से आएगा, इसे लेकर अभी मंथन चल रहा है। यह पूरा प्रोजेक्ट महाकाल मंदिर से जुड़ा है। ऐसे में प्लान में शामिल किया कि कुछ पैसा मंदिर प्रशासन दे, कुछ नगर निगम और कुछ शासन खर्च करे। इस तरह इस बड़े प्रोजेक्ट पूरा किया जाए। इसे लेकर मंथन चल रहा है। यह फायनल होते ही प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाएगी।9 मीटर चोड़ा होगा ट्रेवलेटर, इसके एक हिस्से में चलने वाला रोड होगाइस पूरे प्लान में कुछ ऐसा भी है कि इससे श्रद्धालुओं को बड़ी सुविधा मिल सके। 700 मीटर लंबा यह ट्रेवलेटर 9 मीटर चौड़ा होगा। इसमें एक हिस्से में चलने वाला रोड होगा, जिस पर खड़े हो जाएं तो सीधे मन्नत गार्डन पार्किंग तक पहुंच पाएंगे। इस ट्रेवलेटर का बुजुर्गों, बच्चों और ऐसे लोगों को सबसे अधिक फायदा होगा, जिन्हें चलने में दिक्कत होती है। वहीं इसका दूसरा हिस्सा वह होगा, जहां से चलकर श्रद्धालु नंदी द्वार तक पहुंच पाएंगे।