खाकी पर कलंक : इंदौर में पुलिस वालों ने ही लूट लिया 14 लाख रुपए

चंदन नगर थाने के दो पुलिसकर्मी लूट में गिरफ्तार, डीएसपी ने शिनाख्त के बाद उतरवाई वर्दी

इंदौर। एक थाने के दो सिपाहियों को बस चालक से 14 लाख रुपये लूट की पुलिस अधिकारियों ने ऐसी सजा दी है कि वह पुलिस विभाग में सबक बनेगी। पुलिस अधिकारियों ने लूट में शामिल होने वाले सिपाहियों की शिनाख्त के लिए पूरे थाने के स्टाफ को कतारबद्ध खड़ा कराकर परेड़ कराई। पुष्टि होते ही चंदननगर थाने के दोनों सिपाहियों की तत्काल वर्दी उतरवाई और गिरफ्तार कर हवालात में डलवा दिया।
डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा का कहना है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए दोनों सिपाहियों को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। इसके लिए डीसीपी ने मामले की विभागीय जांच बैठा दी है। लूटे गए रुपये की बरामदगी के लिए दोनों सिपाहियों की रिमांड मांगी गई है।

ये है मामला

डीसीपी जोन-4 आरके सिंह के मुताबिक, चंदननगर थाने के सिपाही योगेश सिंह चौहान और दीपक यादव को गिरफ्तार किया है। मामला 23 दिसंबर का है। इन दोनों सिपाहियों ने बस को रोका और चालक नरेंद्र तिवारी से 14 लाख रुपये से भरा पार्सल छीन लिया। दोनों ने चालक को धमकाते हुए कहा था कि पार्सल की जांच की जाएगी। इसके लिए पार्सल की थाने ले जाकर जब्ती दर्शाना है। इसके बाद दोनों सिपाहियों ने रुपये आपस में बांट लिए। मंगलवार को टीआई इंद्रमणि पटेल ने बस चालक नरेंद्र तिवारी को पूछताछ के लिए बुलाया तो उसने कहा कि रुपये तो पुलिसवालों ने लूटे हैं।

चालक को अहमदाबाद पहुंचाना था नोटों से भरा पार्सल

दरअसल, पुलिस ने स्कीम-51 निवासी अंकित जैन की शिकायत पर बस चालक नरेंद्र तिवारी के खिलाफ हेराफेरी का केस दर्ज करवाया था। अंकित के कर्मचारी भाविक ने पार्सल चालक नरेंद्र को दिया था। उसे यह पार्सल अहमदाबाद के कन्हैयालाल पटेल को सौंपना था। पार्सल नहीं पहुंचने पर अंकित ने चंदननगर थाने में चालक नरेंद्र तिवारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। इसी कड़ी में मंगलवार को चालक नरेंद्र से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने दोनों पुलिसकर्मियों के नाम बताए। यह भी कहा कि वह तो अहमदाबाद पार्सल पहुंचाने जा रहा था, जिसे पुलिसकर्मियों ने छीन लिया।

पूरे स्टाफ की शिनाख्त परेड

इस पर एडिशनल डीसीपी जोन-4 अभिनय विश्वकर्मा थाने पहुंचे और पूरे स्टाफ की शिनाख्त परेड करवाई। चालक ने सिपाही दिनेश व योगेश को पहचान लिया। पुलिस ने महिला यात्री से भी पुष्टि की तो उसने कहा कि पुलिसकर्मियों ने करीब 20 मिनट तक बस की तलाशी ली थी। सख्ती करने पर सिपाही टूट गए और कहा कि गलती हो गई। कमिश्नर मकरंद देऊस्कर ने लूट की धारा लगाकर दोनों सिपाहियों की गिरफ्तारी करवा दी।