हिट एंड रन कानून की मुखालफत…काला कानून करार दे कर सडकों पर उतरे ड्रायवर

उज्जैन। हिट एंड रन कानून की मुखालफत करते हुए नए साल के पहले दिन से ही ड्रायवरों ने हडताल कर दी है। इसे काला कानून करार देते हुए ड्रायवरों का कहना है कि गलती किसी की भी हो हम 7 साल की सजा और लाखों का जुर्माना नहीं भर सकते हैं। हडताल से बसों एवं ट्रकों के साथ ईंधन टेंकरों के चक्के थम गए हैं। ड्रायवरों ने निनौरा एवं नागझिरी में चक्काजाम कर दिया था जिसे प्रशासन ने समझाईश के बाद खुलवाया है। हडताल से आमजन में घबराहट की स्थिति देखी जा रही है।

नए साल के पहले दिन की शुरूआत ही ड्र्रायवरों की हडताल से हुई है। हिट एंड रन कानून के विरोध में यह हडताल ड्रायवरों द्वारा की जा रही है। सोमवार सुबह बस स्टैंड पर ड्रायवरों ने यात्री बस मालिकों को चाबी सौंपते हुए वाहन चलाने से मना कर दिया तो टेंकरों के ड्रायवरों ने भी वाहनों को खड़ा कर दिया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संतोष मालवीय के अनुसार यह हडताल देश व्यापी की जा रही है। हाल ही में आए हिट एंड रन कानून को लेकर यह हडताल की जा रही है। इसमें दुर्घटना कारित होने पर भादवि में संशोधन करते हुए 7 वर्ष की सजा एवं 5 लाख का जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इसी के विरोध में यह हडताल की जा रही है। हडताल में ट्रांसपोर्टर , बस मालिक ,बस ड्रायवर ,टैंकर चालक आदि शामिल हो गए हैं। आर टीओ मालवीय के अनुसार निनौरा एवं नागझिरी में ड्रायवरों के चक्काजाम की सूचना पर प्रशासन एवं पुलिस ने पहुंच कर उनकी एसोसिएशन को समझाईश देते हुए चक्काजाम खुलवाया है। हडताल को लेकर जिला प्रशासन ने दुग्ध संघ के साथ ही ईंधन टैंकरों के संचालकों एवं ड्रायवरों के साथ शाम को बैठक आहुत की है।

बस स्टैंड पर यात्री परेशान-

सोमवार से ड्रायवरों की हडताल की जानकारी न होने के कारण सुबह से ही नानाखेडा एवं देवासगेट बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड लगी रही है। आसपास के शहरों में जाने वाले यात्री बुरी तरह से परेशान होते रहे हैं। बस स्टैंड पर परेशान हो रहे यात्रियों का कहना था कि हडताल की पूर्व से ही सूचना जारी करना थी। न तो एसोसिएशनों ने न ही सरकार की और से ऐसी कोई जानकारी सार्वजनिक की, इसका खामियाजा हमें भूगतना पड रहा है।

ग्रामीण क्षेत्र में भी बसों का अभाव-

सोमवार से सभी जगह एक साथ हडताल होने के कारण सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं। यहां पर बस आपरेटरों की और से सभी बसों को रोका गया और वापसी करवा दी गई है। जलद सुबह निकलने वाली बसों को गंतव्य पर जाने के बाद वहां से वापसी नहीं करने दी गई है। सभी शहरों में ड्रायवरों की एसोसिएशनों को आपरेटर्स का पूरा सहयोग मिल रहा है।

पेट्रोल पंपों पर लंबी लाईन लगी-

ईंधन टैंकर चालकों की हडताल की जानकार सामने आते ही आमजन में घबराहट फैल गई ,यही कारण रहा कि शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के पेट्रोल पंपों पर दो पहिया और चौपहिया वाहन चालकों की भीड बढती गई। दोपहर बाद यह स्थिति देखी गई की पेट्रोल पंपों पर लंबी लाईनें लगी हुई थी। शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों के पंपों पर भी यही स्थिति देखी गई है। पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि लोहिया के अनुसार यही स्थिति रही तो दो दिन का स्टाक एक ही दिन में खपत में आ जाएगा। हडताल खिंची तो समस्या बढ जाएगी। प्रशासनिक आदेश के तहत 1000 हजार लीटर पेट्रोल एवं करीब इतना ही डीजल सुरक्षित रखना पडता है। पंप संचालक दो –तीन दिनों से ज्यादा का भंडारण नहीं रखते हैं। आवक नहीं होने पर समस्या बढ सकती है।