100 बिस्तरों वाले अस्पताल में मरीजों को लाने ले जाने वाली एंबुलेंस में बाधा बन रहा भवन
सारंगपुर। पांच वर्ष से भी ज्यादा पहले करोड़ो की लागत से बने जिस 100 बिस्तरों वाले सिविल अस्पताल के नए भवन का लोकार्पण पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था, उसमें अभी भी मुख्य द्वार में आने-जाने वाली एबुलेंस एवं मरीजों के लिए पुराना अस्पताल का जर्जर भवन मुसीबतों का सबब बना हुआ है। सालों बीत जाने के बाद भी इस भवन को परिसर से हटाने के लिए ठेकेदार को अनुमति नहीं मिली है। इसी जनसमस्या को प्रमुखता से उठाते हुए सारंगपुर मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी डा. बडोदिया ने सारंगपुर विधायक एवं मप्र शासन के मंत्री गौतम टेटवाल को पत्र सौंपा है और पुराना जर्जर अस्पताल भवन को तुड़वाने की मांग रखी है।
पुराना भवन टूटे तो बढेगी सुविधाएं
उल्लेखनीय है कि करीब 10 करोड़ से भी ज्यादा की लागत से निर्मित 100 बिस्तरों वाले सिविल अस्पताल की नई बिल्डिंग पुराने अस्पताल की बिल्डिंग के पीछे है, जो भी नए बिल्डिंग के मुख्य द्वार का रास्ता रोके हुए है। इस पुराने अस्पताल भवन की बिल्डिंग को तोड़ना सबसे जरूरी है, क्योंकि इस बिल्डिंग के चलते कई और सुविधाओं एवं स्वच्छता के कार्य अटके हुए है। जो भवन टुटने के बाद भी संभव है। जिसके बाद इस ही अतिरिक्त स्वीकृत बजट से अन्य भारी सुविधा आने वाले मरीजो, परिजनो को मिल सकेंगी, लेकिन इसमें काफी देर पहले ही हो चुकी है और आगे यह सभंव कब तक हो पाएगा, यह निश्चित नहीं है।
सीबीएमओ ने रखी यह मांग
मंत्री श्रीटेटवाल को पत्र सौंपते हुए डा. बड़ोदिया ने कहा कि नवनिर्मित सिविल अस्पताल सारंगपुर के सामने पुराना अस्पताल भवन बना हुआ है। जोकि जर्जर हो चुका है व उसमें कई जहरीले सांप, बिच्छु, गोयरा एवं अन्य जहरीले जानवर आए दिन अस्पताल में घुस जाते है जिसके कारण स्टाफ एवं संस्था में आये मरीजों के साथ अप्रिय घटना घटित होने की संभावना रहती है। उन्होंने मंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि उक्त भवन नए अस्पताल के सामने होने के कारण संस्था में मुख्य द्वार तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है। आपातकालीन प्रकरण आने पर बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए पुराना भवन तुड़वाने के लिए कार्रवाई की जाए। मंत्री को पत्र सौंपने वालो में सीबीएमओ डा. डी बडोदिया, बीपीएम जगदीश दांगी, अकाउंटेंट अरुण दीक्षित तथा सीएचसी रामबाबू पाटीदार आदि उपस्थित थे। मंत्री श्रीटेटवाल ने मांग पत्र लेने के बाद उचित कार्रवाई करने का आश्वासन स्वास्थ्य विभाग के अमले को दिया है।