मोंटू गुर्जर को न्यायालय से मिला इंसाफ.. निगम पर दो लाख का जुर्माना.. भवन निर्माण अधिकारी पर कार्रवाई के जारी आदेश..
उज्जैन। गत वर्ष 2022 में एक युवक की आत्महत्या के मामले में परिजनों की शिकायत पर ढांचा भवन निवासी मोंटू गुर्जर पर अधिक ब्याज वसूलने का आरोप लगाया गया था। जिस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया था और मोंटू गुर्जर की गिरफ्तारी की गई थी। इसी मामले में दिनांक13 दिसंबर 2022 को नगर निगम ने पुलिस प्रशासन के इशारे पर पुलिस टीम की मदद से मोंटू गुर्जर के निर्माण धिन मकान पर जेसीबी चलाते हुए ध्वस्त कर दिया था। ध्वस्त किए गए मकान पर बैंक द्वारा लीगल तौर पर लोन भी फाइनेंस थे.जिनकी बकाया किस्ते भी अबतक जारी हैं। यहां नगर निगम ने बिना कोई जांच पड़ताल नोटिस दिए ही मकान को तोड़ने की कार्यवाही की थी। जिस पर मकान मालिक मोंटू गुर्जर ने हाई कोर्ट में नगर निगम के खिलाफ दावा किया था और याचिका दायर की थी। 2022 से हाई कोर्ट में चले इस प्रकरण मैं हाई कोर्ट एडवोकेट तहजीब खान एवं एडवोकेट रवि शर्मा ने न्यायालय में इस प्रकरण की मोंटू गुर्जर की ओर से पेरवी की और अपने तथ्य रखें जिन पर न्यायालय के न्यायाधीश ने सहमति जताते हुए मकान मालिक मोंटू गुर्जर के हित में फैसला सुनाते हुए 2024 में आज दिनांक…. नगर निगम उज्जैन की लापरवाही के चलते नगर निगम पर मकान ध्वस्त करने पर 2 लाख का जुर्माना वही नगर निगम जोन क्रमांक 5 के भवन निर्माण अधिकारी पर कार्यवाही के आदेश जारी किए हैं।
यहां बता दे ढांचा भवन मृतक के परिजनों ने मोंटू गुर्जर पर जबरन ब्याज वसूलने और प्रताड़ित के आरोप लगाए थे। जिस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले को जांच में लेकर मोंटू गुर्जर को इस मामले में जेल भेजा था जहां से आरोप सिद्ध नहीं होने पर न्यायालय ने आत्महत्या उकसाने के मामले में भी राहत देते हुए जमानत भी दे दी थी।
इधर मोंटू गुर्जर को न्यायालय ने फिलहाल अभी तक इस मामले में अपराध सिद्ध नहीं किया है। पुलिस प्रशासन की मदद से 2022 में नगर निगम ने अपनी मनमानी के चलते बिना जांच पड़ताल नोटिस जारी किए बिना ही मोंटू गुर्जर के निर्माण धिन मकान को ध्वस्त कर दिया था। जिसका खामियांजा अब नगर निगम को भुगतना पड़ा है और नगर निगम झोन क्रमांक 5 के भवन निर्माण अधिकारी पर कार्यवाही के हाई कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं।
रिपोर्ट विकास त्रिवेदी