देवासगेट नगर निगम कॉम्प्लेक्स पर होगा कमर्शियल निर्माण

प्रस्ताव हुआ योजना झोन तक नहीं आई, वर्तमान दुकानदारों का क्या होगा यह भी सामने नहीं आया
दैनिक अवन्तिका उज्जैन

देवासगेट बस स्टैंड के सामने नगर निगम की लाज एवं देवासगेट चौराहा से थाना भवन के सामने तक की दुकानों पर नगर निगम कमर्शियल निर्माण की तैयारी में लगा है। बहुत जल्द इसकी योजना सामने होगी। नगर निगम झोन 3 के भवन अधिकारी जगदीश मालवीय के अनुसार अभी प्रस्ताव हुआ है विस्तृत जानकारी की प्रतिक्षा है। मुख्यालय आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई योजना मुताबिक की जाएगी।
देवासगेट बस स्टैंड के सामने की पट्टी में नगर निगम का बेस किमती काम्पलेक्स बना हुआ है। इसी में यात्री लाज भी बनी हुई है जो कि अब खंडहर के रूप में है। एक समय यह लाज यात्रियों के रूकने का प्रमुख स्थान हुआ करती थी। सालों पहले लाज को लीज पर दिया गया था। चौडीकरण में भी इसका हिस्सा तोडा गया था। शहर के मध्य इसी पूरे हिस्से पर नगर निगम कर्मशियल योजना को मूर्तरूप देने की तैयारी में लग गया है। काफी लंबी चौडी यह जगह नगर निगम के लिए महत्वपूर्ण है। रेलवे स्टेशन और परिसर से लगी इस जमीन पर नगर निगम व्यवसायिक सोच के साथ योजना बनाने में जुटा हुआ है। अधीक्षण यंत्री आर.आर जारोलिया के अनुसार दुकानें और लाज का हिस्सा काफी पुराना होकर जर्जर हो गया है। ऐसे में इसके लिए नई योजना को लेकर योजनाकारों से परामर्श किया जा रहा है उसके मुताबिक ही काम किया जाएगा।

36 से अधिक दुकानें आय कुछ हजार में-

नगर निगम के सूत्रों का कहना है कि वर्षों पहले बने इस कॉम्प्लेक्स में भूतल पर 36 से अधिक दुकानें और प्रथम तल पर लाज बनाई गई थी। तत्कालीन दौर के मान से ही किराया लिया जा रहा है। किराया अंतरण नियमानुसार कार्रवाई करते हुए इसमें दुकानदारों के नामांतरण किए गए थे। वर्तमान में लाज से कोई आय नहीं हो रही है। स्टेशन परिसर के पीछे की भूतल 36 से अधिक दुकानें से मात्र कुछ हजार की आय हो रही है। उसमें भी किराया नियमित नहीं आता है। प्रथम तल पर लाज से भी कोई आय नहीं है। नगर निगम के सूत्रों के अनुसार सालों पहले प्रिमियम का नियम नहीं था ऐसे में अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि इन दुकानदारों से प्रिमियम भी लिया गया था कि नहीं। लाज बंद हो जाने के बाद कुछ दुकानों ने उपर की और भी अपना आधिपत्य कर लिया है।

बेशकिमती है भूमि
वर्तमान में नगर निगम के इस कॉम्प्लेक्स की यह भूमि बेशकिमती है। शहर के मध्य में इतनी लंबी चौड़ी जमीन अरबों की किमत रखती है। नगर निगम सिंहस्थ से पहले यहां कमर्शियल योजना को अंजाम देने के लिए कवायद कर रहा है। इसके तहत जल्द ही नगर निगम दुकानों को खाली करने की कवायद भी करेगा तभी जाकर योजना मूर्तरूप ले सकेगी।