शिव विज्ञान एवं वैराग्य के परम आदर्श हैं-पंडित बालकृष्ण शास्त्री

तराना। भगवान शिव धर्म उपास्य देव हैं,अत: लिंग मूर्ति वाले महेश्वर की श्रद्धा से पूजन-अर्चना करना चाहिए । भगवान शिव ही उदित एवं अनुकंपा पूर्ण है। विज्ञान एवं वैराग्य के परम आदर्श हैं । उन्होंने अनेक असुरों को अतुल ऐश्वर्य प्रदान किया । कुबेर आदि लोकपालों को आपकी कृपा से ही उत्तर दिशा की स्वामित्व निधि प्राप्त हुई । भगवान शिव की महिमा अनंत है पं शास्त्री ने महाशिवपुराण कथा के अंतर्गत भगवान शिव की प्राकृतिक कथा ,कुबेर जन्म ,नारद मोह , सती चरित्र तथा द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा का वर्णन करते हुए शिव पार्वती के विवाह का वर्णन किया । इस अवसर पर उपस्थित भक्तजनों ने श्रद्धापूर्वक वर- वधू का आशीर्वाद प्राप्त किया । विवाह प्रसंग के दौरान गायक पंडित रामकृष्ण मिश्रा (अयोध्या धाम ) और पंडित महेश द्विवेदी के साथ साथी कलाकारों विनीत चतुवेर्दी, हेमंत राव और सुनील राव ने शानदार भजनों की प्रस्तुति कर सभी को मंत्र मुक्त कर दिया । इस अवसर पर सेवानिवृत शिक्षक विष्णुगोपाल मित्तल ने मां गंगा को समर्पित एक महत्वपूर्ण गीत प्रस्तुत किया जिसे व्यास पीठ पर विराजित गुरुजी सहित सभी ने सराहा। प्रात: 4 बजे स्थानीय तिलभांडेश्वर मंदिर में श्री महंत डॉ. प्रकाशानंद भारती ने भस्म आरती विधिपूर्वक संपन्न की । जिसका लाभ उपस्थित भक्तजनों ने प्राप्त किया । कथा के यजमान प्रदीप डोडिया (पप्पू सेठ) तथा रितेश मूंदड़ा ने परिवार सहित श्री महाशिवपुराण का पूजन एवं आरती की।पं. शास्त्री का स्वागत मनोहरलाल दुबे (आगर) ,हरिश्चंद्र चतुवेर्दी, देवेंद्र वर्मा, लखन भाटी, राहुल जायसवाल गौतम परमार, राधेश्याम व्यास (करंज), अमर सिंह गुजरिया , नागराज भाटी , शिवनारायण कोदीवाल,भेरूलाल पटेल (बघेरा) गोपाल राठौर,मुकेश जाट , सत्यनारायण ठाकुर ,नरेन्द्र बिड़ला, महेश जोशी,कवि सुनील गाइड एवं मातृशक्ति की ओर से किरण शर्मा(पार्षद), लीला राठौर, वंदना शर्मा, कविता शर्मा आदि ने किया ।