भाई के कहने पर कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए संजय शुक्ला

दोनों पूर्व विधायक शुक्ला व विशाल पटेल ने कल सुबह भोपाल में कमल का फूल थामा, शाम को इंदौर के भाजपा कार्यालय में पहुंचे, चौखट को चूमा

इंदौर। कांग्रेस के पूर्व विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल ने शनिवार को हाथ का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। सुबह भोपाल में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद दोनों शाम को भाजपा कार्यालय पहुंचे। दोनों ने कहा कि वह लंबे समय से कांग्रेस को छोड़ भाजपा में आना चाहते थे क्योंकि वहां पर नेताओं को वह सम्मान नहीं मिलता जिसके वे हकदार होते हैं। अयोध्या में राम मंदिर में कांग्रेस की दर्शन न करने की नीति भी उन्हें पसंद नहीं आई और गहरा आघात लगा।
भाजपा कार्यालय में घुसते ही पूर्व विधायकव्दय संजय शुक्ला और विशाल पटेल ने चौखट के पांव पड़े। इसके बाद दोनों ने खूब ठहाके लगाए। गेट पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूलमाला डालकर दोनों का स्वागत किया। गेट पर ही कार्यकर्ताओं ने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी के लिए नारे लगाए। भाजपा कार्यालय में जाकर शुक्ला और पटेल भाजपा कार्यकर्ताओं से गले मिले। सभी ने शुक्ला और पटेल को भाजपा में शामिल होने की बधाई दी। गेट पर दोनों के स्वागत के लिए ढोल भी बुलवाए गए थे।
शहर अध्यक्ष गौरव रणदीवे ने कार्यालय के अंदर आते ही शुक्ला और पटेल को गले लगा लिया।
संजय शुक्ला ने भाई गोलू शुक्ला को गले लगाया और कहा कि इसने मुझे भाजपा में जुड़ने के लिए प्रेरित किया। गोलू ने कई बार प्रयास किया कि मैं भाजपा में आ जाऊं। संजय ने कहा कि गोलू से मैं जब भी मिलता था वह यही कहता था कि मुझे भाजपा में आ जाना चाहिए। इसी की वजह से मैं आज भाजपा में हूं। संजय ने कहा कि भाजपा वह पार्टी है जहां एक कार्यकर्ता को भी सम्मान मिलता है जबकि कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं को भी सम्मान नहीं मिलता।

क्या 140 करोड़ की डिमांड के कारण भाजपा में शामिल हुए संजय शुक्ला ?

संजय शुक्ला के भाजपा में आने को लेकर तरह-तरह की चर्चा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि संजय शुक्ला मजबूरी में भाजपा में गए हैं। उज्जैन रोड पर बीरोली में पूर्व विधायक संजय शुक्ला के नाम पर खदान है। इंदौर जिला प्रशासन ने अवैध खनन पाए जाने पर वर्ष 2017 में उसे बंद करने के आदेश दिए थे। फिर भी खुदाई की जा रही थी। तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा ने जांच के बाद वहां से क्रेशर मशीन जब्त कर खदान को सील कर दिया था। इसके बाद प्रशासन ने लगभग 140 करोड रुपए की डिमांड निकाली थी। संजय शुक्ला के भाजपा में जाने की यह भी एक बड़ी वजह बताई जा रही है। फिर कांग्रेस में उन्हें अपना भविष्य भी नजर नहीं आ रहा था।