एडीजे ने सरस्वती पूजन कर किया नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ
सुसनेर। न्यायालय तथा नगर परिषदों, बैंको एवं बिजली कम्पनी में लंबित प्रकरणों का निराकरण करने के लिये राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निदेर्शानुसार 9 मार्च शनिवार को तहसील रोड पर स्थित न्यायालय परिसर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ सुबह साढ़े 10 बजे जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार वर्मा, एडीपीओ पवन सोलंकी, बिजली कम्पनी के एई सतीश जाटव, समाजसेवी चांदमल जैन, अभिभाषक जयनारायण सोलंकी व एसबीआई के शाखा प्रबंधक कमलेश कुमार सिन्हा ने मां सरस्वती जी के चित्र के समक्ष पुजन एवं दीप प्रज्ववलन कर की। इस लोक अदालत के द्वारा न्यायालय परिसर में जगह-जगह स्टाल व पंडाल लगाकर के एसबीआई, बैंक आफ इंडिया, नगर परिषद सुसनेर-सोयत व पश्चिमी क्षेत्र विघुत वितरण कम्पनी के द्वारा बकाया बिलों व लम्बितो प्रकरणो की सुनवाई की जाकर के वसूली की गई। सुबह से लेकर शाम के 5 बजे तक न्यायालय के कूल 20 प्रकरण निराकृत हुए जिसमें कूल 1 लाख 49 हजार 365 रुपए की वसूली की गई। तो वही प्रीलिटीगेशन के अन्तर्गत बिजली कम्पनी, नगर परिषद एवं विभिन्न प्रकार की बैंको में चल रहे 55 प्रकरणो में 90 लाख 70 हजार रुपए की वसूली की गई। इस अवसर पर अधिवक्तागण, बैंक अधिकारी, नगर परिषद व विद्युत विभाग के अधिकारी- कर्मचारी तथा सुसनेर न्यायालय के समस्त कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
खाचरौद। न्यायालय परिसर खाचरोद में नेशनल लोक अदालत में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय मे, हिन्दू विवाह अधिनियम के 4 , सिविल प्रकरण 03 एवं विधुत अधिनियम के 15 तथा 02 क्लेम इस प्रकार कुल 24 प्रकरणों का निराकरण किया गया। पंकज बुटानी व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 एवं रिक्त न्यायालय वर्ग 1 खाचरोद के न्यायालय के आपराधिक प्रकरण 19, धारा 138 के 05 प्रकरण, सिविल 01, धारा 125 के 01 तथा घरेलू हिंसा के 02 प्रकरण कुल 28 प्रकरणों का निराकरण किया गया। नगर पालिका जलकर व दुकान किराया, जलकर व बैंक रिकवरी के प्रिलिटिगेशन 859 प्रकरण में से 30 प्रकरणों का निराकारण हुआ, जिसमें 400143 रुपये, विधुत विभाग के 1655 प्रिलिटिगसन्न प्रकरण में 572 का निराकारण किया गया जिसमे 1121000 रुपये प्राप्त हुए। इस प्रकार न्यायालय में लम्बित प्रकरणों में से 52 प्रकरणों का निराकरण किया गया। पारिवारिक विवाद से संबंधित 03 प्रकरणों में पति पत्नि मिलाकर कुल 03 जोड़ो को खुशी खुशी आपसी सहमति एवम् प्रेम पूर्वक साथ मे रहने के संकल्प के साथ साथ रहने के लिए घर गए। जिसमे दंपत्ति माया पति भगवान, आशा पति मानसिंह एवम् चेतना पति अर्जुन ने आपसी राजीनामे के आधार पर साथ रहने हेतु तैयार हुए जिन्हे आगामी जीवन की शुभकामनाओं के साथ माल्यार्पण कर भेजा साथ रहने के लिए गए। उक्त दंपत्तियों ने बताया कि प्रकरण का निराकारण राजीनामा के माध्यम से उनके अधिवक्तागण विजय सेठी, मनीष शर्मा, उमाशंकर पाटीदार, संजय शर्मा, रजनीश उपाध्याय के माध्यम से संभव हुआ है, साथ ही न्यायाधीश श्री बुटानी के प्रयासों से भी उनके दांपत्य जीवन की पुनर्स्थापना हुई है।