सु-श्रेष्ठ श्रावक दंपत्ति : मनीष- सपना गोध

आज जब कि विविध धार्मिक अनुष्ठान, अभिषेक शांतिधारा,
जिनालय निर्माण और पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव जैसे धार्मिक कार्यक्रमों का व्यवसायीकरण होकर धन संग्रह का माध्यम बन गए हों तब नगर के एक सु -श्रेष्ठ श्रावक दंपत्ति मनीष – सपना गोधा ने बिना किसी से अर्थ सहयोग लिए सिर्फ और सिर्फ अपने स्व-अर्जित धन से गोधा स्टेट गांधीनगर में एक लघु तीर्थ स्वरूप अद्भुत, सुदर्शनीय एवं अतुलनीय एवं भव्याति भव्य जिन प्रासाद(जिनालय) सुमतिधाम का निर्माण और श्रमण संस्कृति के सर्व श्रेष्ठ चर्या एवं आगम शिरोमणी के रूप में प्रख्यात आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में उसका ऐतिहासिक, आधुनिक एवं सुव्यवस्थित देश का सबसे बड़ा पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव करवारकर देश एवं समाज के समक्ष एक ऐसा आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है जो अद्भुत, अकल्पनीय और दुर्लभतम (रेयर ऑफ रेयरेस्ट) है और भूतों ना भविष्यति के रूप में जिसकी चर्चा और सराहना देश भर में हो रही है।
पुण्यशाली सौभाग्यशाली मनीष- सपना गोधा ने अपने हृदय की विशालता, उदारता और सरलता का जो देश एवं समाज के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत किया है उसने उन्हें एक निर्भिमानी महादानी , किंवदंती पुण्य पुरुष के रूप में चर्चित कर दिया है।

संप्रति सुमतिधाम के रूप में इंदौर को एक ऐसा जिन प्रासाद
मिला है जो युगों युगों तक न केवल नगर के गौरव पीठ के रूप में जैन धर्म की धर्म ध्वजा फहराता रहेगा एवं जिन शासन और नमोस्तु शासन को भी प्राणवंत जयवंत करता रहेगा और सपना मनीष गोधा की उदारता के गीत गाता रहेगा।

देश का संपूर्ण दि जैन समाज गोधा दंपति के इस महनीय कार्य के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दे रहा है और सुमतिधाम की वेदी में विराजित भगवान सुमतिनाथ से भावना भा रहा है कि है प्रभु!
मनीष-सपना गोधा पर आपकी करुणा और आपके आशीर्वाद की वृष्टि सदैव होती रहे और वे याज्जीवन धर्म ,समाज एवं संतों के प्रति समर्पित रहते हुए स्वस्थ, व्यस्त और मस्त रहें, खुश रहें, खुशहाल रहें और रहें मालामाल ।

 

लेखक : डॉ जैनेन्द्र जैन (मंत्री दिगंबर जैन समाज समाजिक सांसद)