खुसूर-फुसूर लक्ष्मी आई सौहार्द्रता नैतिकता गई…

दैनिक अवन्तिका उज्जैन खुसूर-फुसूर

लक्ष्मी आई सौहार्द्रता नैतिकता गई…

शहर में श्री महाकाल लोक बन जाने से शनिवार से सोमवार पर्व की स्थिति बनी रहती है। शहर में धन वर्षा होने लगी है। माता लक्ष्मी प्रसन्न हो उठी हैं। चौतरफा उज्जैन में रोटेशन दौडने लगा है। शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर उद्योग विकसित हो गए हैं। लोगों को रोजगार मिलने लगा है। श्री महाकाल लोक के आसपास ही रोजगार के तमाम रास्ते खुल गए हैं। माता लक्ष्मी की मेहरबानी बरस रही है। कहते हैं धन आता है तो साथ में कुछ विकृतियां लाता है। यही उज्जैन धर्म नगरी में अब देखने को मिल रहा है। श्री महाकाल लोक के आसपास कबुतरखाने की तरह अनेक गेस्ट हाउस एवं होटल खुल गए हैं। श्रद्धालुओं के साथ लूट मची है। इस लूट को लेकर आए दिन होटल बनाम कबूतरखानों के संचालकों एवं गेस्ट हाउस वालों में मारपीट होना आम है जबकि पूर्व में ये बडे सौहार्द्र से यहां रह रहे थे। यही हाल घरों में खुले गेस्ट हाउस के हैं। आए दिन इनमें भी विवाद हो रहे हैं। श्री महाकाल लोक के आसपास फूल प्रसादी बेचने वाले भी जमकर श्रद्धालुओं से पैसा वसूल रहे हैं और आपस में चाकू छुरे से लड रहे हैं। श्रद्धालुओं को हैरान परेशान कर रहे हैं। ई-रिक्शा क्या और रिक्शा, मैजिक क्या । चाय पान की दुकान तक यह हाल हो गए हैं। पार्किंग तक यही स्थिति बन गई है। ये मामले मुह जुबानी के तो रोज ही हो रहे हैं कभी कभी लठ्ठ पाईप ,चाकू-छुरे के मामले भी हो रहे हैं। खुसूर-फुसूर है कि पहले एक को मजदूरी मिलती थी तो वह दुसरे की बात करता था । शहर में लक्ष्मी आगमन के साथ ही विकृतियों का दौर शुरू हो गया है । शांत धर्म अनुरागी शहर में लक्ष्मी के लिए अब एक दुसरे को ही गिराया जा रहा है। नैतिकता की सिर्फ बात भर रह गई है । ई-रिक्शा वाला महाकाल से गली –गली घुमाकर देवासगेट छोड रहा है और 200 रूपए वसूल रहा है। स्वल्पहार वाला जरा सी चम्मच पोहे के 15 वसूल रहा है। 80 फीसदी पानी की कट चाय 10 रूपए में दे रहा है। निम्न गुणवत्ता की दाल रोटी सब्जी चावल के 200 वसूले जा रहे हैं। यही हाल रहा तो लक्ष्मी के रूठ कर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।