दैनिक अवंतिका उज्जैन। केडीगेट क्षेत्र में जिन लोगों के मकान चोड़ीकरण में टूटे हैं। उनकी परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है अब एक बार फिर से नगर निगम ने केडी गेट क्षेत्र में अलाउंसमेंट करवाकर जिन भवन स्वामियों की गैलरी विद्युत पोल लगाने में बाधक बन रही है उन्हें तोड़ने के आदेश दिए हैं  भवन स्वामियों को तीन दिन की मोहलत दी है। अगर भवन स्वामी इस अवधि में अपनी गैलरी नहीं हटाता है तो नगर निगम की टीम विद्युत पोल लगाने में बाधक बन रही ऐसी गैलरी को हटाने की कार्रवाई करेगा। क्षेत्र वासियों के विरोध के चलते केडी गेट क्षेत्र में विद्युत पोल लगाने का कार्य रुक गया था और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केडी गेट क्षेत्र का दौरा कर आदेश दिए थे कि किसी भी भवन स्वामी की गैलरी नहीं टूटेगी और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सेंट्रल लाइट लगाने के अधिकारियों को निर्देश दिए थे। लेकिन अब अधिकारियों का कहना है कि सेंट्रल लाइट लगाने के लिए जगह पर्याप्त नहीं है सेंट्रल लाइट लगाने का प्लान बनकर तैयार है। लेकिन सेंट्रल लाइट तब ही लगेगी जब सेंट्रल लाइट लगाने में रोड़ा बन रहे कुछ स्थल टूटेंगे। वही चोड़ी करण का कार्य भी रुका हुआ है। लेकिन निगम आयुक्त के आदेश के बाद अब नगर निगम अधिकारियों ने एक बार फिर विद्युत पोल लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जिन भवन स्वामियों की गैलरी विद्युत पोल लगाने में अड़चन बनी रही है उसे तोड़ने के आदेश जारी किए हैं तथा केडी गेट क्षेत्र में नगर निगम के अधिकारियों ने इसको लेकर अनाउंसमेंट करवाकर भवन स्वामियों को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है ताकि वह अपनी गैलरी स्वेच्छा से हटा ले अन्यथा इस अवधि में अगर उन्होंने गैलरी नहीं हटाई तो नगर निगम की टीम गैलरी हटाने की कार्रवाई करेगा।
केडी गेट चोड़ीकरण में लगभग 80% सड़कें व नालियां बनकर तैयार हो चुकी है और जॉइंट व फुटपाथ का लेवल कर ब्लॉक लगाए जाएंगे। इसके साथ ही केडी गेट चौराहे पर नाले में पाइप डालने का कार्य भी पूरा हो गया है और सड़क का निर्माण कर यह बंद पड़ा मार्ग भी शुरू कर दिया गया है अब विद्युत पोल व नल पाइपलाइन का कार्य किया जा रहा है। निगम आयुक्त के निर्देश के बाद पोल लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इधर नगर निगम के उपयंत्री मनोज राजवानी का कहना है कि विद्युत पोल खड़े करने की प्रक्रिया चल रही है जो गैलरी विद्युत पोल लगाने में बाधक बनी हुई है सिर्फ उन गैलरी को ही तोड़ा जाएगा। 20 मीटर की दूरी में पोल खड़े किए जाएंगे और इसको लेकर क्षेत्र में एलाउंसमेंट करवाकर भवन स्वामियों को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है ताकि वह अपनी गैलरी हटा ले इसके अलावा क्षेत्र में कुछ ऐसे मकान है जो आगे निकले हुए हैं उन्हें भी हटाने की कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही जो मकान एक फिट डेढ़ फीट के लगभग आगे निकलकर बने हुए हैं उन्हें भी तोड़कर हटाया जाएगा।
आगे निकले हुए मकान क्यों नहीं तोड़े जा रहे…
इधर भवन स्वामियों का कहना है कि केडीगेट से गौतम मार्ग तक किए जा रहे चोडीकरण में कई ऐसे मकान है। जो आगे निकल कर बने हुए हैं उन्हें क्यों नहीं हटाया जा रहा है उन्हें क्यों नहीं तोड़ा जा रहा है उनको क्यों बक्शा जा रहा है। ऐसे मकानों को नगर निगम के अधिकारी क्यों नहीं हटाते? हमसें ही क्यों कहा जा रहा है बार-बार गैलरी तोड़ने का,इसको लेकर भवन स्वामियों में नगर निगम के अधिकारियों के प्रति खासा रोष है।