चामुंडा माता से शहर की और के सभी मार्ग दिन में सुकड कर आधे …!
-अस्थायी अतिक्रमण का शिकार शहर की और जाने वाले प्रमुख मार्ग
-मालीपुरा,प्रेमछाया मार्ग 60 फीट से अधिक चौडे ,पार्किंग एवं अन्य कारणों से सिकुड रहे
– नगर निगम की नजरअंदाजी का खामियाजा आम राहगीर वाहन चालकों को भूगतना पड रहा
उज्जैन। चामुंडा माता चौराहे से शहर की तरफ आने वाले प्रेमछाया और मालीपुरा मार्ग दिन में सिकुड कर आधे हो रहे हैं। रात में इन मार्गों की चौडाई देखते ही बनती है। दोनों ही मार्ग की चौडाई 60 फीट से अधिक है उसके बावजूद दिन में इन पर गुजरने वाले वाहन चालक एवं राहगिर सिकुडे मार्ग पर परेशान होकर ही आवागमन करते हैं।
चामुंडा से एटलस चौराहा मार्ग का चौडीकरण वैकल्पिक मार्ग के लिए किया गया था, लेकिन इस मार्ग के साथ ही शहर की और जाने वाले सभी मार्ग अस्थायी अतिक्रमण का शिकार होकर रह गए हैं। देवासगेट से इंदौरगेट पर वाहनों का अस्थाई अतिक्रमण रहता है। दिन के समय में रेलवे स्टेशन के सामने हालात बदतर बने रहते हैं। मालीपुरा से महाकाल तक दुकानदारों का अस्थायी अतिक्रमण हो जाता है। प्रेमछाया से एटलस तक घरों के बाहर वाहनों की पार्किंग एवं दुकानों का अतिक्रमण है तो ,चरक भवन के पास से क्षीरसागर पर शाम को चौपाटी एवं दिन में दुकानों का अतिक्रमण , कोयला फाटक से नरेन्द्र टाकीज रोड के भी यही हाल हैं।
इनमे से कुछ मार्ग 60 फीट से अधिक चौडे हैं लेकिन अस्थयी अतिक्रमण एवं बेतरतीब पार्किंग एवं अन्य कारणों से दिन में सिकुड कर अपनी कुल क्षमता से आधे भी नहीं रह पाते हैं। इसके चलते नगर निगम की नजरअंदाजी का खामियाजा आम राहगीर, वाहन चालकों को भूगतना पडता है।
चौडीकरण पर प्रश्न लगा-
वर्ष 2004 में सिंहस्थ पूर्व मालीपूरा मार्ग का महाकाल चौराहे तक चौडीकरण किया गया था।तत्कालीन दौर में इस मार्ग को आवागमन की सुविधा के लिए सार्थक चौडीकरण करार दिया गया था। इसके बाद वर्ष 2016 के सिंहस्थ उपरांत चामुंडा माता से प्रेमछाया परिसर एवं भाट गली होते हुए लाल मस्जिद वाले मार्ग का चौडीकरण किया गया था। दोनों ही मार्ग रात के समय तो 60 फीट से अधिक चौडे होकर यहां आवागमन सहजता से होता है लेकिन दिन के समय दोनों ही मार्ग सिकुडकर आधे हो जाते हैं। मालीपुरा मार्ग पर देवास गेट इंट्री पाइंट से ही यातायात की समस्या बनी रहती है। देवासगेट द्वार के आजूबाजू से ही ठेले वालों एवं गुमटी वालों के साथ ही दुकानदारों का अतिक्रमण बना रहता है। इसके बाद तो मालीपुरा और उसके आगे महाकाल चौराहा तक इस मार्ग पर बराबर अतिक्रमण ही रहता है। सुबह से रात तक यही स्थिति इस मार्ग पर बनी रहती है। इससे नगर निगम की चौडीकरण की सार्थकता पर ही सवाल खडा होने लगा है। यही हाल चामुंडा माता से प्रेमछाया एवं भाट गली से लाल मस्जिद तक के मार्ग के रहते हैं। दिन में यह मार्ग वाहनों की पार्किंग सा बना रहता है। मार्ग में प्रेम छाया परिसर में लगने वाली सेल में आने वाले ग्राहकों के वाहनों का अवरोधक बराबर बना रहता है तो आगे चौराहे के पास भी घाटी पर यही हाल रहते हैं। इससे आगे के मार्ग पर नगर निगम पर्याप्त रूप से चौडीकरण करने में अपनी पूरी भूमिका नहीं निभा सका है। खास बात तो यह है कि लाल मस्जिद तिराहे पर यहां आए दिन जाम की स्थिति मात्र इस लिए हो रही है की मार्ग में कई शाप संचालकों के यहां दिन में कई बार माल खाली करने और भरने वाले वाहनों का आवागमन होता है। इनके आते एवं जाते दोनों समय ही जाम की स्थिति बन जाती है। नगर निगम की की नजरअंदाजी इसमें सडक को सकरा करने वालों को उत्साहित कर रही है। मार्गों के आसपास के दुकानदार न तो अपने यहां आने वाले दुकानदारों के वाहन व्यवस्थित रखवाते हैं और नहीं स्वयं के वाहन ही व्यवस्थित रख रहे हैं। यही नहीं इसके साथ ही दुकानों का सामान सडक तक फैलाया जा रहा है।
राहगिरों का फूटपाथ गायब-
हाल यह हैं कि दोनों ही मार्ग पर फूटपाथ तक फैलावडा देखा जाता है। सुबह मालीपुरा मार्ग पर आवागमन के साथ ही फूटपाथ गायब हो जाता है। दुकानें खुलने पर तो राहगिरों को सड़क पर ही आवागमन करने के लिए चलना पडता है। ऐसे में दोनों और से आने जाने वाले वाहनों को स्थान नहीं मिलता है और राहगिर चोंटिल होते रहते हैं। यही हाल शहर की और जाने वाले तकरीबन सभी मार्गों के हैं।