देवी अहिल्या विवि में स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा में पकडाए 175 नकलची

 

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में नकल प्रकरण में कमी देखी गई है। स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के दौरान 175 नकलची पकड़ाए है। यह प्रकरण केंद्रों पर उड़नदस्ता दल और आब्जर्वर ने बनाए है। वैसे अधिकांश मामलों में चेकिंग के समय नकल सामग्री जब्त की गई। अब इनकी सुनवाई नकल समिति अगले महीने करेंगी।
अधिकारियों के मुताबिक कोरोनाकाल के बाद विद्यार्थियों ने पढ़ने में रूचि दिखाई है। साथ ही केंद्रों पर सख्ती बरती गई है। 5 मार्च से बीए, बीकाम, बीएससी, बीएचएससी, बीए पत्रकारिता सहित अन्य पाठ्यक्रम की अंतिम वर्ष की परीक्षा शुरू हुई, जिसमें बीए-बीएससी के पेपर 12 जून तक चलेंगे। परीक्षाओं में 60 हजार छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए है। 120 परीक्षा केंद्र बनाए थे। 65 फीसद केंद्र पर नकल रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। यहां तक कि संवेदनशील केंद्र पर नजर रखने के लिए आब्जर्वर को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जबकि दस से ज्यादा उड़नदस्ते बनाए थे।
अकेले इंदौर शहर पांच उड़नदस्तों ने कालेजों का निरीक्षण किया। वहीं बाकी जिलों के केंद्रों पर एक-एक टीम ने दौरा किया। डेढ़ महीने के भीतर 170-175 नकलची विद्यार्थी पकड़ाए है। बीए में सबसे अधिक छात्र-छात्राओं ने नकल की है। बीकाम के विद्यार्थियों ने पेपर शुरू होने से पहली नकल सामग्री केंद्र पर जमा करवा दी थी
अधिकारियों के मुताबिक नकलची छात्रों के प्रकरणों की सुनवाई जल्द होगी, क्योंकि यह उनका अंतिम वर्ष है। इसके चलते समिति तुरंत निर्णय करेंगी। ताकि उन्हें पीजी में प्रवेश मिल सके।
परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी का कहना है कि नकल प्रकरण की संख्या कम हुई है। 2020 से लेकर 2023 तक 800 से 1200 प्रकरण बनते थे। इसके पीछे दूसरा कारण यह है कि अब विद्यार्थी शिक्षा को लेकर गंभीर हो चुके है। वे कहते है कि समिति के समक्ष प्रकरण रखेंगे। जांच के दौरान नकल सामग्री के इस्तेमाल के आधार पर सदस्य विद्यार्थियों की सजा तय करेंगे।