तीसरे चरण के मतदान को लेकर पूरे प्रदेश की निगाहें राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र पर टिकी

ब्यावरा/राजगढ़। लोकतंत्र के इस महाकुम्भ के प्रथम और द्वितीय चरण में हुए मतदान के बाद तीसरे चरण के मतदान को लेकर पूरे प्रदेश की निगाहें राजगढ़ गुना और विदिशा लोकसभा क्षेत्र पर टिकी हुई है राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर पिछले 10 वर्षों से विकास के नाम पर केंद्र सरकार की उपलब्धियों को गिनाते रहे, उनके द्वारा राजगढ़ संसदीय क्षेत्र में किसका और कितना विकास हुआ यह बताने की जरूरत नहीं। आज भी वे मंच से माफी मांगते हुए कमल के फूल और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत करने की बात कहते हैं।
भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर ने पिछले 10 वर्षों में क्षेत्र के विकास में कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई, उन्हें भाजपा ने तीसरी बार मैदान में उतारा है। राजगढ़ संसदीय क्षेत्र में बिजली पानी सड़क महंगाई और भ्रष्टाचार जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर भाजपा प्रत्याशी को तीसरी बार जनता से रूबरू होना पड़ रहा है। राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी भले ही रोडमल नागर है मगर मुख्य मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच माना जा रहा है, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बरसों बाद अपने गृह क्षेत्र राजगढ़ संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे है और भाजपा सरकार की वादा खिलाफी को लेकर पद यात्रा निकाल कर डोर टू डोर मतदाताओं से सघन जनसंपर्क कर रहे है। दिग्विजय सिंह राजगढ़ संसदीय क्षेत्र के सांसद रहे इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री बने लेकिन राजगढ़ का विकास नहीं हुआ यदि राजगढ़ क्षेत्र का विकास किया होता तो आज डोर टू डोर जाकर मतदाताओं से वोट मांगने की जरूरत नही पड़ती, बिजली के झटके और पानी की किल्लत आज भी मतदाताओं के जहन को कसौट रही हैं।
स्टार प्रचारक के रूप में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिग्विजय सिंह के समर्थन में विशाल आमसभा को संबोधित किया। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राम की बात करते हैं मगर काम की बात नहीं करते उन्हें यह अच्छे से मालूम है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार 80 रुपए प्रति किलो प्याज में चली गई थी वही टमाटर 200 रुपए प्रतिकिलो हो जाने के बाद भी भाजपा 400 पार का नारा लगा रही। लोकतंत्र के इस महाकुंभ में राजनैतिक मुद्दों पर बात की जाए, तो भाजपा के पास ऐसा कोई तुरूप का इक्का नहीं है जिससे वह महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार आदि विकास कार्यों को आगे रखकर चुनावी मैदान में फतह हासिल कर सके। भाजपा ने ईमानदारी के साथ देश हित में कार्य किया होगा तो अवश्य उनका बेड़ा पार होगा वही कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में थी तब राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र का विकास किया होता और अब सत्ता पक्ष की कमियों को उजागर करने में अपनी अहम भूमिका अदा की होती तो आज यह स्थिति निर्मित नहीं होती उसके पीछे वह स्वयं जिम्मेदार है। कांग्रेस पार्टी के सामने अब दो चुनौतियां हैं पहली प्रतिद्वंद्वी से मुकाबला और दूसरा कांग्रेसियों का पलायन को रोकना। कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की भी प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है।
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र का इतिहास यदि देखा जाए तो यहां भारतीय जनता पार्टी ने कई बार पैराशूट प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा जिसका परिणाम यह रहा कि राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र दिग्विजय सिंह का गढ़ बन गया था। भाजपा ने जब स्थानीय प्रत्याशियों को उतारना शुरू किया तब जाकर दिग्विजय सिंह के गढ़ में भाजपा को सेंध लगाने में सफलता मिली। क्षेत्र में हुए विकास को लेकर दोनों ही पार्टिया अपना-अपना दावा पेश कर रही। उधर भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार 300 पार का नारा दिया और नोटबंदी, जीएसटी, किसानों के लिए काला कानून, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि दिया यदि 400 पार किया तो अंदाजा लगाया जा सकता है क्या क्या देगी वहीं कांग्रेस के पास सत्ता में आने के लोक लुभावने वादों के सिवा और कुछ नहीं है कांग्रेस को यदि कुछ करना होता तो 70 सालों तक मतदाताओं को इंतजार नहीं करना पड़ता। अब मतदाताओं के पास सत्ता चयन का कोई मजबूत विकल्प नहीं होने के कारण मजबूरी हाथ लगी है।