शासन ने रबी उपार्जन की अंतिम तिथि 31 मई की

-दैनिक अवंतिका ने किसानों की मांग को प्राथमिकता से रखा

 

-जिलों में अधिकारी तो खरीदी केंद्र 20 मई को समेटने की तैयारी कर बैठे थे

उज्जैन। उज्जैन सहित कई जिलों में रबी उपार्जन के तहत पंजीयन करवाने वाले किसानों में से 60-70 प्रतिशत किसानों ने ही अपनी फसल समर्थन मूल्य पर बेची है। उज्जैन में ही 99 हजार443 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें से 53 हजार 351 किसानों ने 188 उपार्जन केंद्र पर 4 लाख 35 हजार 754 मेट्रिक टन गेंहू विक्रय किया है। इन स्थितियों को देखते हुए शासन ने उपार्जन की अंतिम तिथि 31 मई तक बढा दी है।

दैनिक अवंतिका ने किसानों की समस्या और मांग को लेकर 18 मई के अंक में प्रकाशन किया था। इसमें भारतीय किसान संघ के प्रांतीय कार्यकारणी सदस्य ने पक्ष रखते हुए मांग की थी कि शासन को उपार्जन की तिथि करीब 10 दिनों के लिए बढाना चाहिए। अधिकारियों का पक्ष था कि आवक बहुत ही कम हो गई है और मंडी में पहले ही अच्छे दाम मिलने से कृषकों ने अपनी उपज वहां बेच दी है ऐसे में केंद्रों पर और अधिक फसल विक्रय के लिए आने की उम्मीद कम ही है। दोनों परिस्थितियों में कृषकों का हित देखते हुए मध्यप्रदेश शासन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के उप सचिव ने एक पत्र जारी कर उपार्जन की अवधि 31 मई तक बढा दी है।

दुसरी बार बढी खरीदी की तारीख-

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के उप सचिव ने जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेंहु उपार्जन के लिए भोपाल,नर्मदापूरम,इंदौर एवं उज्जैन संभाग में उपार्जन की अवधि 07 मई एवं शेष संभागों में 15 मई तक निर्धारित है। इसके उपरांत कृषकों से समर्थन मूल्य पर गेंहू उपार्जन की अवधि 20 मई तक बढाई गई है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहुं विक्रय से शेष रहे कृषकों को समर्थन मूल्य योजनांतर्गत गेहुं विक्रय का अवसर प्रदाने कराने के लिए उपार्जन की अवधि 31 मई तक बढाई जाती है।

किसानों को नुकसान न हो –

बताया जा रहा है कि समर्थन मूल्य पर खरीदी से पहले ही मंडी में जमकर आवक हुई है। इस बार अच्छा भाव मिलने से किसानों का रूझान मंडी की तरफ रहा है। भाव को देखते हुए कई किसानों ने माल रोक लिया था। इसके साथ ही गेहुं की अच्छी खरीदी होने से आगामी दिनों में प्री मानसून के हालातों में दाम में गिरावट आ सकती है। ऐसे में भारतीय किसान संघ के प्रांतीय कार्यकारणी सदस्य आनंदसिंह आंजना ने कहा था कि किसानों को कोई नुकसान न हो इसे देखते हुए करीब 10 दिन और समर्थन मूल्य पर किसानों से उपार्जन किया जाना चाहिए । बाजार में अगर दाम में गिरावट की स्थिति भी अगर बनती है तो ऐसे में भी  किसानों को नुकसान न हो इसके लिए अवधि बढाई जाना श्रेयस्कर होगा।

 

 

शेष किसानों को मिलेगा पर्याप्त समय-

समर्थन मुल्य पर रबी उपार्जन में गेंहू विक्रय के लिए उज्जैन जिले के 99 हजार443 किसानों ने पंजीयन कराया था। पिछले डेढ महीने में इनमें से 53 हजार 351 किसानों ने 188 उपार्जन केंद्र पर 4 लाख 35 हजार 754 मेट्रिक टन गेंहू खरीदा गया है। शेष किसानों को उपार्जन की तारीख बढने से अब पर्याप्त समय मिल सकेगा और वे आनलाईन स्लाट बुक करवाकर अपनी उपज केंद्रों पर बेच सकेंगे।