सियाराम आश्रम पर देव ऋषि नारद की जयंती मनाई
बडनगर। ब्रह्मा के मानस पुत्र, श्रीमन्नारायण का सतयुग का तृतीय अवतार श्रीनारद अपने जीवन में श्रीहरि की भक्ति से उन्हें यह आशीर्वाद प्राप्त था कि वह तीनो लोक में भ्रमण करते थे। उन्हें देव ऋषि नारद से देवता संबोधित करते थे। वह इस पृथ्वी के प्रथम पत्रकार थे और तीनो लोको में सूचना आदान प्रदान करते थे। उक्त उद्गार सियाराम आश्रम के श्रीमहंत अमर्तदास महाराज ने सियाराम आश्रम में शुक्रवार को नारद जयंती उत्सव में कहे। स्वामीजी ने कहा कि आप अपने धर्म स्थान, नदी किनारे, मंदिर परिसर में त्रिवेणी वृक्ष का रोपण करे तो इस जयंती उत्सव की सार्थकता रहेगी । भक्तो ने भी संकल्प लिया की हम हमारे पूर्वजों की स्मृति में त्रिवेणी लगायेगे। इस अवसर पर स्वामीजी के दिल्ली लोनी बार्डर, इंद्रपुरी संकटमोचन आश्रम के श्रीमहंत विराजित होने पर राघवानंद भक्त मंडल के संयोजक महेंद्र शर्मा ,रामेश्वर चावड़ा,हरी नेनवा, धर्मेंद्र राठौड़,अजय दवे रमेश परमार ने बहुमान किया। कार्यक्रम का संचालन रामनिवास नवहाल ने किया। आभार सुनील मंडलोई ने माना ।