संघ के नवनियुक्त क्षेत्र प्रचारक जुलाई में करेंगे नया दायित्व गृहण

 

शिविरो के माध्यम से अलग अलग शिक्षार्थी आए सामने

 

इंदौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र के नवनियुक्त क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी, मालवा प्रांत के प्रांत प्रचारक राजमोहन सिंह और मध्य भारत के प्रांत प्रचारक विमल गुप्ता अपने नए दायित्व का ग्रहण 1 जुलाई से करने वाले हैं।

ये सभी इन दिनों संघ के मध्य क्षेत्र इकाई संघ शिक्षा वर्ग में व्यस्त है। मध्य भारत मालवा और महाकौशल तीनों प्रति में इन दोनों संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष के शिविर लग रहे हैं। यह शिविर जून के पहले सप्ताह तक संपन्न होंगे।
इसके बाद परिचय प्रवास होगा। यानी नए दायित्व वाले कार्यकर्ताओं का परिचय मौजूदा दायित्व वाले कार्यकर्ता करवाएंगे। मध्य क्षेत्र में पिछले दिनों क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते ने नए क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी के साथ परिचय प्रवास किया था। यह सिलसिला मालवा और मध्य भारत प्रांत में भी जारी है। लगातार 6 वर्षों तक मध्य क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक रहे दीपक विस्पुते को संघ का अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख बनाया गया है।

 

जबकि पिछले तीन वर्षों से मालवा प्रांत को देख रहा है बलिराम पटेल को भी अखिल भारतीय समन्वय प्रमुख की जवाबदारी दी गई है। स्वप्निल कुलकर्णी पिछले महीने तक मध्य भारत के प्रांत प्रचारक थे। उनके स्थान पर विमल गुप्ता को मध्य भारत का प्रांत प्रचारक बनाया गया है।
सनद रहे संघ की रचना में मध्य क्षेत्र में चार प्रांत हैं, छत्तीसगढ़, महाकोशल, मालवा और मध्यभारत। छत्तीसगढ़ से 78, महाकोशल से 85, मालवा से 118 और मध्यभारत से 97 चयनित स्वयंसेवक प्रशिक्षण ले रहे हैं। वर्ग संचालन के लिए 19 अधिकारियों की टोली बनाई गई है।
इसके साथ ही शिक्षार्थियों के प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक प्रांत से शिक्षक भी आए हैं। विभिन्न विषयों पर अखिल भारतीय, क्षेत्रीय एवं प्रांतीय अधिकारी भी शिक्षार्थियों का प्रबोधन कर रहे हैं। ऐसे ही एक शिविर में बौद्धिक वर्ग लेते हुए क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी ने कहा कि यह प्रशिक्षण वर्ग देश के लिए अपना समय, धन और मन देकर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण है।

 

आज देश में ऐसी ताकतें सक्रिय हैं, जो हिंदू समाज को विखंडित करने के प्रयास में लगी हुई हैं। वे हमें जाति, पंथ, स्त्री-पुरुष इत्यादि भेदों में बांटने के लिए वैचारिक भ्रम उत्पन्न करते हैं। विविधता हमारी विशेषता रही है। हमें औपनिवेशिक ताकतों के इन षड्यंत्रों के प्रति जागरूक होना है और समाज को भी जागरूक करना है।
डाक्टर साहब (संघ के संस्थापक सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार) के समय से कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए संघ शिक्षा वर्ग आयोजित करने की परंपरा शुरू हुई। अब तक क्षेत्र का यह वर्ग ‘संघ शिक्षा वर्ग- द्वितीय वर्ष’ के नाम से आयोजित होता था, लेकिन अब यह ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-एक’ के नाम से आयोजित होगा।
संघ शिक्षा वर्ग के शिविरों के दौरान संघ कार्य में जीवन समर्पित करने वाले कार्यकर्ताओं के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी ‘तेजोमय प्रतिबिम्ब तुम्हारे’ का आयोजन भी किया गया है। इसमें भारतीय ज्ञान के स्रोत सद्ग्रंथो को प्रदर्शित किया गया है, जिनमें चारों वेद, पुराण, स्मृतियां, संहिताओं सहित रामायण एवं महाभारत शामिल हैं।