जबलपुर उच्च न्यायालय ने 4 दिन पहले पीएससी को भेजा आदेश

 

मामला:- परीक्षा में 2 प्रश्नों के गलत होने का

इंदौर । राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2023 में पूछे गए दो प्रश्नों को जबलपुर उच्च न्यायालय ने गलत ठहराया है। इस संबंध में आदेश मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को चार दिन पहले मिल चुका है, लेकिन आयोग ने बोनस अंक दिए जाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है।
अब आयोग आदेश पर विधिक राय लेने का विचार कर रही है। उसके बाद अधिकारियों की बैठक बुलाकर फैसला लिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में दस दिनों का समय लग सकता है। हालांकि अभी अभ्यर्थियों के सामने असमंजस की स्थिति बनी है।

सप्ताह भर पहले जबलपुर उच्च न्यायालय ने 229 पदों के लिए हुई राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2023 में पूछे गए दो प्रश्नों से जुड़े आयोग के जवाब को सही नहीं पाया, जिसमें एक प्रश्न (प्रेस की स्वतंत्रता) को गलत मानते हुए उसे डिलीट करने के निर्देश दिए। साथ ही एक अन्य प्रश्न (कबड्डी संघ का मुख्यालय) का पीएससी
द्वारा दिए गए उत्तर ‘दिल्ली’ को गलत माना।
न्यायालय ने इसके उत्तर ‘जयपुर’ को सही करार दिया। हाईकोर्ट ने दोनों प्रश्न के बदले अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अंक दिए जाने का आदेश दिया है, लेकिन आयोग की तरफ से कोई भी कदम इसलिए नहीं उठाया गया, क्योंकि आदेश की प्रति नहीं मिली थी।
वहीं अब प्रति मिलने के बाद आदेश का अध्ययन और विधिक राय लेंगे। उसके बात आयोग यह तय करेंगा कि अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अंक दिए जाए या नहीं। आयोग के ओएसडी रवींद्र पंचभाई का कहना है कि आदेश की प्रति मिल चुकी है। विधिक राय के बाद आयोग बैठक करेंगा।
दोनों प्रश्नों के अभ्यर्थियों को अंक मिलते है तो मेरिट दोबारा बनाना पड़ेगी। ऐसा करने से कई अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए पात्र होंगे। जबकि पीएससी 11 मार्च को मुख्य परीक्षा करवा चुका है और इन दिनों परिणाम देने की तैयारी में जुटा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर मेरिट सूची में बदलाव होगा। फिर जो अभ्यर्थी पात्र हुए है। उनके लिए विशेष परीक्षा करवाना पड़ सकती है।