स्टापडेम बनने से जलस्तर तो बढ़ेगा ही साथ ही सहेजे गए जल का सदुपयोग भी हो सकेगा

सुसनेर। गर्मी के मौसम में हर साल शहर जलसंकट से जुझता है। जबकि हमारा शहर कंठाल नदी के किनारे बसा हुआ है। वषार्काल के समय नदी में भरपूर मात्रा में पानी होता है। लेकिन ग्रीष्म ऋतु आते-आते यह पानी खत्म हो जाता है। इस वजह से गर्मी के दो-चार महिनें हमें पानी के लिए परेशान होना पडता है। स्थिति यह हो जाती है, कि लोगो को दूर-दूर से पानी लाने मजबूर होना पडता है, तो वहीं कुछ सक्षम लोगो को 300 रूपए देकर पीने के पानी के लिए अपने घर पर टेंकर डलवाना पडता है। कंठाल नदी पर यदि मुक्तिधाम के समीप स्टापडेम बना दिया जाए तो वर्षा का जल बडी मात्रा में नदी में ही सहेजा जा सकता है। साथ ही इस पानी का सदुपयोग भी नगरवासियों के द्वारा किया जा सकता है। स्टापडेम के बनने से जलस्तर तो बढेगा ही साथ ही उक्त पानी का उपयोग मुक्तिधाम में होने वाले विभिन्न कार्याे के लिए भी किया जा सकता है। साथ ही आसपास के ईट भट्टा संचालको को भी इस पानी का लाभ मिल सकता है। वैसे तो कंठाल नदी पर ही एक पन्या के समीप स्टापडेम बना हुआ है, लेकिन वह नगर से दूर है। इसलिए अब जरूरत है कि मुक्तिधाम के आसपास स्टापडेम का निर्माण किया जाए।
नहीं हुआ गहरीकरण, कैसे सहेजे जल
वर्ष 2010 में पूर्व विधायक संतोष जोशी के द्ववारा कंठाल नदी का गहरीकरण करवाया था इसके बाद से अभी तक जिम्मैदारों द्वारा इसका गहरीकरण करवाना तो दूर इसको लेकर कोई योजना तक तैयार नही की। पहले शासन की योजनानुसार नदी व अन्य जलस्त्रोतो का गहरीकरण करवाया जाता था ताकि वर्षा के जल को सहेजा जा सके। किन्तु यह कार्य पिछले कुछ वर्षाे से नहीं होने से नदी में भी जल को सहेजा नहीं जा सका। इस कारण नगर का जलस्तर घटने के साथ ही पशु-पक्षियों को भी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकना पड रहा है।
जल संरक्षण को लेकर नहीं हुएं जागरूकता कार्यक्रम
हर साल जल संरक्षण को लेकर शासन द्वारा आमजन को जागरूक करने व जल का महत्व समझाने हेतु कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। गर्मी का मौसम शुरू होने के बाद से लेकर अभी तक किसी भी स्तर पर जल को सहेजने के लिए ना तो कोई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुवें और ना ही कोई प्रयास जिन्हे जलसंरक्षण के प्रयासो में देखा जा सकें। अभी तक किसी अधिकारी ने यह सूध नहीं ली है, कि जल संरक्षण के प्रति लोगो को जागरूक किया जाए।