दर्शन नहीं हुए तो पैसे देने से बच गए 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। अब तक महाकाल की भस्मारती अनुमति कराने के नाम पर लोगों से रुपए मांगे जाने के समाचार मिलते थे। लेकिन अब लगता है महाकाल की शयन आरती भी पैसे वाली हो गई है। क्योंकि सोमवार को एक नया मामला सामने आया है जिसमें शयन आरती में ही दर्शन के नाम पर गुड़गांव से आए श्रद्धालु दंपती निधि परलव शर्मा से रुपए मांग लिए। 

दंपति ने अरोप लगाते हुए जानकारी दी कि एक पंडित ने उनसे प्रति श्रद्धालु को शयन आरती में दर्शन कराने के नाम पर 1100 रुपए मांगे। साथ में यह भी कहा था कि यहां तो सुविध चीये तो ऊपर से नीचे तक पैसा खर्च करना पड़ेगा। श्रद्धालु दंपति ने इस मामले की सीधे उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से शिकायत की है। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर में शयन आरती में प्रवेश के लिए श्रद्धालु को कोई शुल्क नहीं देना होता है। यह पूर्णत: निशुल्क है। इसके बावजूद जानकारी के अभाव में मंदिर से जुुड़े कुछ लोग श्रद्धालुओं से रुपए की अवैध वसूली कर रहे हैं। 

भस्मारती की परमिशन नहीं 

मिली तो शयन आरती में गए

श्रद्धालु निधि शर्मा ने बताया कि वह 23 मई को पति परलव और ऋतु गुप्ता व उनके पति धीरज गुप्ता के साथ महाकाल मंदिर में दर्शन करने आए थे। हमें भस्म आरती की परमिशन नहीं मिली। इसलिए शयन आरती में शामिल होने का निर्णय लिया था। चारों लोगों ने 250 रुपए प्रति श्रद्धालु की शीघ्र दर्शन की टिकट भी ले ली थी। 

लाइन में पंडित मिला और बोला पैसे 

दो तो शयन आरती में आगे बैठा देंगे 

– श्रद्धालुओं ने बताया कि हम तो आम दर्शन की लाइन में लगे थे।  

– एक पंडित आया और बोला कि शयन आरती आगे बैठाकर दिखाएंगे। 

– 1100 रुपए प्रति व्यक्ति लगेंगे। 4400 खर्च होंगे। 

– पंडित ने आरती के बाद रुपए देने को कहा था। 

– पंडित ने जहां बैठाने को कहा था वहां से सुरक्षाकर्मियों ने हमें हटा दिया। 

– शायद उनकी सेटिंग नहीं जम पाई होगी।  

– बाद में हमने टीवी में देखकर शयन आरती की और हमने पैसे नहीं दिए।