चौडीकरण  में पेंच उलझा…जैन मंदिर को लेकर समाजजनों का विरोध

 

समाजजनों का कहना मंदिर 500 साल पुराना,राज्य एवं भारतीय पुरातत्व की सूची में नाम नहीं

उज्जैन। केडीगेट से ईमली तिराहा तक सड़क चौड़ीकरण में मंगलवार को अवरोध आ गया है। नयापुरा स्थित दिगम्बर जैन मंदिर तोडऩे पहुंची निगम की गैंग का समाजजनों ने विरोध किया और मंदिर को ऐतिहासिक धरोहर भी बताया। अधिकारियों का कहना है की पुरातत्व की सूची में मंदिर का कहीं नाम नहीं है। समाजजनों के विरोध को देखते हुए प्रशासन के संयुक्त दल अधिकारियों ने उनके साथ बैठक की लेकिन हल नहीं निकलने पर कार्रवाई स्थगित की गई है।

मंगलवार सुबह जैसे ही नयापुरा क्षेत्र से कार्रवाई की शुरूआत होने वाली थी कि यहां स्थित पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर के गेट पर खडी महिलाओं ने नवकार मंत्र से विरोध की शुरूआत कर दी। इसके साथ ही समाज के पुरूषों ने भी मंदिर से किसी भी प्रकार से छेडछाड का विरोध दर्ज करवाया। इसकी जानकारी लगते ही प्रशासन का संयुक्त दल हरकत में आ गया, क्योंकि इस मार्ग के बीच में आने वाले प्रत्येक धार्मिक स्थलों को हटाने की कार्यवाही आपसी तालमेल और समन्वय से की जा रही है।

मंदिर 500 साल पुराना-

सुबह नयापुरा स्थित पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर का चौड़ीकरण की जद में आ रहा करीब 10-12 फीट हिस्सा तोडऩे नगर निगम की टीम पहुंची तो समाजजनों ने कार्रवाई का विरोध किया। ट्रस्टी देवेन्द्र पाटनी ने बताया कि उक्त मंदिर 500 साल से अधिक पुराना है। काफी पुराना मंदिर है। हम मंदिर के ओटले का करीब 150 से 200 फीट का हिस्सा दे चुके हैं। पुरा मंदिर पत्थरों पर बना है इसकी नीव नहीं है ऐसे में दिवारों के साथ तोडफोड में मंदिर को नुकसान होना तय है। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पवन बोहरा का कहना था कि इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिेटेज द्वारा 1987 में उज्जैन के पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर किए गए सर्वेक्षण की रिपार्ट में इस मंदिर का उल्लेख 106 नंबर पर श्री पाश्र्वनाथ जैन टेम्पल के नाम से दर्ज है। प्राचीन धरोहर होने के साथ ही मंदिर में विराजमान मूर्तियां सैकड़ों वर्ष पुरानी हैं। प्राचीनकाल में निर्मित उक्त मंदिर की संरचना इस प्रकार है कि दीवार या छत में किसी प्रकार की छेड़छाड़ की जाती है तो पूरा स्ट्रक्चर गिर सकता है। मंदिर में ही बैठक हुई अधिकारियों से लेकिन कोई हल नहीं निकला है। बोहरा का कहना था कि नगरहिंत का विरोध नहीं है,हेरिटेज से छेडछाड का विरोध है।

बैठक बेनतीजा-

विरोध की स्थितियों के बीच प्रशासन के संयुक्त दल में शामिल अधिकारी नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक, एडीएम अनुकुल जैन,एसडीएम एसएन गर्ग, एएसपी जयंतसिंह राठौड और समाजजनों  में ट्रस्टी अध्यक्ष पवन बोहरा के साथ अन्य ट्रस्टी एवं समाजजन शामिल थे। बैठक में अनेक प्रकार के सुझाव दिए गए लेकिन अंत में बैठक बेनतीजा रही है। फिलहाल नगर निगम एवं प्रशासन के संयुक्त दल ने मंदिर हटाने की मंगलवार को कार्रवाई स्थगित कर दी है।

-मंदिर के हेरिटेज में शामिल होने को लेकर हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। मंदिर स्टेट आरक्योलाजी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सूची में कहीं नहीं है।

-नीरज कुमार सिंह,कलेक्टर,उज्जैन

-पुरातत्व के पास इसका कोई रेकार्ड नहीं है। हमने टेक ओव्हर भी नहीं किया है। इसकी जानकारी समाज ही दे सकता है।

-डा.रमेश यादव , राज्य पुरातत्व अधिकारी , भोपाल