3 जून तक रहेगा नौतपा, मंगल-राहु के अंगारक योग से तप रही धरती
– रोहिणी का धमाकेदार असर, आग उगलती गर्मी से लोग भी प्रभावित हो रहे
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
3 जून तक नौतपा रहेगा। इससे गर्मी तेज लग रही है। लेकिन साथ में मंगल व राहु के अंगारक योग से धरती खूब तप रही है। रोहिणी का असर देखने को मिल रहा है। 25 मई से लगी रोहिणी के शुरुआती नौदिन भीषण गर्मी पड़ेगी जिसमें 5 दिन निकल चुके हैं तथा शेष 4 दिन अभी और बाकी है।
रोहिणी अपना असर दिखा रही है। इसके अलावा मंगल व राहु की युति से बन रहे अंगारक योग के कारण नौतपा में गर्मी कई गुना अधिक बढ़ गई है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि अंगारक योग में गर्मी काफी तेज हो जाती है। जिसका असर वर्तमान में लोगों को दिख ही रहा है।
1 जून को मंगल मेष राशि
में आएंगे, शनि की दृष्टि अलग
इन्हीं दिनों में मंगल का राशि परिवर्तन भी होगा और शनि से संबंध बनेगा जिससे आने वाले समय में अग्निकांड की घटना भी हो सकती है। 1 जून को मंगल अग्नि तत्व वाली अपनी ही राशि मेष में आ जाएंगे। मंगल पर शनि की दृष्टि अलग रहेगी। जिससे विस्फोटक योग का असर दिखेगा, इसलिए अग्निकांड होने की आशंका बनेगी। इन दिनों सूर्य, शुक्र एक ही नक्षत्र में रहेंगे और चंद्रमा भी अग्नि तत्व वाली राशि मेष में आएंगे। जिससे तापमान और बढ़ने की संभावना है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से चंद्रमा का प्रभाव कम हो जाता है, यही कारण है कि नौ दिन तापमान बढ़ता है।
जाने सूर्य के रोहिणी में आते ही
आखिर क्यों तेज हो जाती है गर्मी
ज्योतिषाचार्य पंडित डब्बावाला ने बताया कि ज्योतिष में रोहिणी नक्षत्र को वृषभ राशि का मस्तक कहा जाता है। इसमें तारों की संख्या 5 है। नक्षत्रों के क्रम में रोहिणी चौथे नंबर पर आता है। रोहिणी के हर चरण में सूर्य लगभग साढ़े तीन दिन रहता है। जब सूर्य वृष राशि में रोहिणी नक्षत्र में आता हैं, तब गर्मी तेज हो जाती है।
नौतपा में बारिश हो तो चातुर्मास
के दौरान कम ही गिरता है पानी
यह भी मान्यता है कि मानसून का गर्भकाल नौतपा होता है। इसी दौरान सूर्य की ऊष्णता बढ़ जाती है। यदि रोहिणी के नौतपा के 9 दिनों के दौरान बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी गलना कहते हैं। और चातुर्मास में भी अच्छी वर्षा नहीं होती है। रोहिणी में बारिश चातुर्मास में कम वर्षा के संकेत है।
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