देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में निरंतर हो रहे पेपर लीक एवं अनियमितताओं से छात्रों का भविष्य दांव पर

विश्वविद्यालय में धारा 52 लगाने लगाने की उच्च शिक्षा विभाग से मांग

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में निरंतर पेपर लीक की घटना सामने आ रही है । विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री सार्थक जैन व अन्य पदाधिकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को वर्तमान हालात से अवगत कराया।
25 मई के एमबीए प्रथम सेमेस्टर का क्वान्टेटिव टेक्निक्स का पेपर 24 मई को लीक हुआ एवं 28 मई को होने वाला अकाउंटिंग फ़ॉर मैनेजर्स का पेपर भी 27 मई को दोपहर में ही लीक हो गया , 30 मई को होने वाला आईटी एन्ड ई बिजनेस फंडामेंटल का पेपर भी 29 मई को लीक हुआ जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उस पेपर को रातो-रात बदल दिया ।

पेपर बदले जाने के बाद भी लगभग 60% पेपर पहले से ही छात्रों के पास आ गया था । अभाविप द्वारा कुलपति को यह विषय बताने के पश्चात भी किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हो रही है। विश्वविद्यालय द्वारा पेपर लीक की घटना की FIR भी 30 मई को करवाई गई जबकि पहला पेपर 24 मई को लीक हुआ था।
कुलपति महोदया इस विषय पर न तो उचित निर्णय ले रही हैं अपितु प्रभारी परीक्षा नियंत्रक पर भी किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। प्रभारी परीक्षा नियंत्रक को बचाने का कार्य कुलपति महोदया द्वारा लगातार किया जा रहा है।

कुलपति महोदया का इस प्रकार का आचरण विश्वविद्यालय की ओर उनकी उदासीनता को प्रकट करता है। इसके पूर्व भी विश्वविद्यालय में हो रही विभिन्न प्रकार की अनियमितता सामने आई है और उन सभी में वर्तमान कुलपति महोदय की अकार्यक्षमता और अनिर्णयक्षमता ध्यान में आई है।
यह बताता है की कुलपति महोदया विश्वविद्यालय का कार्यभार संभाल पाने में असक्षम है। अतः अभाविप विश्विद्यालय में हो रही विभिन्न समस्याओं पर कुलपति महोदया की उदासीनता को देखते हुए विश्वविद्यालय में धारा 52 लगाकर विश्वविद्यालय एवं छात्रों के हित में उचित निर्णय लिया जाए।