एक्जिट पोल ने कांग्रेस को फिर निराशा के रास्ते पर लाकर खड़ा किया

 

 

देश में मध्यप्रदेश के मालवा – निमाड़ के बूथ प्रबंधन ने लोहा मनवाया

इंदौर। जैसे ही एग्जिट पोल्स के नतीजे बाहर आए कांग्रेस ने निराशा देखी गई। तमाम न्यूज़ चैनल्स के एग्जिट पोल्स का निष्कर्ष है कि यदि कांग्रेस को प्रदेश में एक सीट मिली तो वह छिंदवाड़ा की होगी। इसका मतलब यह है कि इंदौर उज्जैन – संभाग यानी मालवा और निमाड़ अंचल चल की सभी आठ सीटें भाजपा जीत रही है।
इस क्षेत्र में केवल रतलाम झाबुआ की सीट पर कांग्रेस टक्कर में थी ,लेकिन ऐसा लगता है कि मतदान के दिन तक कांग्रेस ने यहां भी मैदान छोड़ दिया। भाजपा के रणनीतिकारों का आकलन है कि मालवा और निमाड़ अंचल में भाजपा रिकॉर्ड 65 से 70 फीसदी मत प्राप्त कर सकती है।

इस अंचल का मतदान केंद्र प्रबंधन प्रदेश में सबसे अच्छा रहा है। यहां का मोर्चा नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और संभागीय प्रभारी राघवेंद्र गौतम ने संभाला था। इस बार भाजपा ने चुनाव को देखने और समझने के लिए विदेशी राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित किया था।
ऐसा ही एक दल मध्य प्रदेश में भी आया था। दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश में भाजपा के बूथ प्रबंधन को विदेश तक में सराहा गया है। चुनाव के दौरान छह देशों के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा से मुलाकात कर भाजपा की चुनावी रणनीति के संबंध में जानकारी प्राप्त की। प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश मीडिया सेंटर का भ्रमण भी किया।

युगांडा, नेपाल, श्रीलंका, इजराइल, मॉरीशस और वियतनाम के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश में चुनावी प्रक्रिया, ईवीएम सिस्टम, बूथ की व्यवस्था, चुनावी कैंपेन का अवलोकन किया और कहा कि भारतीय निर्वाचन प्रणाली की एक अच्छी तस्वीर हमेशा के लिए हमारे दिलों में अंकित हो गई है। ईवीएम से वोट प्रणाली से हम चकित हैं। आप कितनी खूबी से ईवीएम से चुनाव करा लेते हैं। यहां हर मतदाता के पास उसका अपना पहचान पत्र है।
इससे किसी भी मतदाता को मतदान करने में कोई कठिनाई नहीं आती। महात्मा गांधी के देश में लोकतंत्र यहां के लोगों के दिलों में जिंदा है। भारतीय चुनाव को एक पर्व की तरह मनाते हैं। हमने ऐसा उत्सवपूर्ण चुनाव कभी नहीं देखा।

लोकतंत्र की मजबूती के लिए यहां के हर मतदाता की आस्था और उसकी अभिव्यक्ति अभिभूत कर देने वाली है। हमने तीन दिनों में बहुत कुछ देखा, समझा और सीखा। इस आनंदपूर्ण चुनाव प्रणाली से हमें प्रेरणा मिली है। हम अपने देश में भारतीय निर्वाचन व्यवस्था की सभी अच्छी व्यवस्था को लागू करने की अनुशंसा करेंगे। बहरहाल, भाजपा ने 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाने के लिए मतदाताओं को घर से निकालकर मतदान केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पन्ना प्रमुखों को दी। मतदान के पहले घर-घर पीले चावल के साथ मतदाता पर्ची का वितरण करवाया।
मतदान के दिन प्रत्येक कार्यकर्ता को 10-10 मतदाताओं को फोन करके मतदान सुनिश्चित कराने का जिम्मा सौंपा। सुबह छह बजे उठकर पहले स्वयं फिर परिवार और इसके बाद नाते रिश्तेदारों से मतदान कराने का लक्ष्य तय किया गया। महिला मतदान बढ़ाने के लिए महिलाओं का कंट्रोल रूम अलग से बनाया गया और 22 हजार महिलाओं में बूथ पर मोर्चा संभाला था।