सीएम हेल्पलाइन पर स्कूलों की शिकायत….. कहीं शौचालय की सफाई नहीं तो कहीं टीचरों के समय पर न आने की शिकायत
-स्कूल शिक्षा विभाग की कार्यशैली नौ दिन चले अढ़ाई कोस बनी
उज्जैन। जिले में सरकारी स्कूलों की हालत क्या है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विद्यार्थियों के अभिभावकों को स्कूलों में व्याप्त अव्यवस्थाओं की शिकायतें सीएम हेल्प लाइन में करना पड़ रही हैै।
जबकि ये ऐसी समस्याएं है जिन्हें स्थानीय स्तर पर ही स्कूली शिक्षा विभाग निपटा सकता है लेकिन हालात यह है कि न तो संबंधित स्कूलों के जिम्मेदार ही सुनवाई करते है और न ही विभाग के अधिकारी। ऐसी स्थिति में उज्जैन के लोगों ने अब सीएम हेल्पलाइन का सहारा लेना शुरू कर दिया है। बताया गया है कि सबसे ज्यादा शिकायतें है स्कूलों में शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था न होने के साथ ही सफाई आदि की। इसके अलावा समय पर शिक्षकों के न आने जैसी शिकायतें भी सीएम हेल्पलाइन पर की गई है। हालांकि शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों का यह कहना है कि वे समस्याओं को दूर करते है बावजूद इसके सरकारी स्कूलों की समस्याएं यथावत है। लिहाजा विद्यार्थियों के अभिभावकों को अब सीएम हेल्पलाइन से आस बंधी हुई है ताकि उनके बच्चों को स्कूल में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इन शिकायतों में सामने आया है कि विद्यार्थी स्कालरशिप के बाद सबसे ज्यादा सरकारी स्कूलों के शौचालयों में सफाई नहीं होने से परेशान हैं। प्राथमिक माध्यमिक स्कूलों के समय पर न खुलने और शिक्षकों के न मिलने की शिकायतें भी हैं। स्कूल शिक्षा विभाग में कर्मचारी स्तर पर समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की समस्याएं सुलझाने के बजाय मामले उलझाने में ज्यादा रुचि लेते हैं।
प्रमुख योजनाओं की सबसे अधिक शिकायतें लंबित
सीएम हेल्पलाइन पर स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख योजनाओं की सबसे अधिक शिकायतें लंबित हैं। इनमें स्कालरशिप एवं नेशनल टैलेंट सर्च कम एग्जामिनेशन योजना , कक्षा एक से आठवीं तक की शासकीय शालाओं में शिक्षकों के विलंब से आने, अनुपस्थित रहने और बंद होने ,शालाओं के भवन निर्माण, स्वच्छ पानी, साफ- सफाई, शौचालयों संबंधी , फीस संबंधी , शिक्षा महाविद्यालय, डाइट में प्रवेश संबंधी शिकायतें लंबित हैं।