जिले के 25 में से 18 तालाब का सीमांकन पूर्ण, 7 तालाब की जल्द होगी नपती
नदी के सीमांकन में जुटे राजस्व और निगम के कर्मचारी, अतिक्रमण हटाने की होगी कार्रवाई
इंदौर। नदी और तालाब के शुद्धिकरण को लेकर अभियान तेजी से चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के 25 में से 18 तालाबों का सीमांकन पूरा हो चुका है साथ तालाबों का सीमांकन किया जा रहा है। नदी के सीमांकन को लेकर नगर निगम और राजस्व का अमला 30 मीटर में आने वाले अतिक्रमण को चिन्हित करने में लगा है।
जल स्रोतों को संरक्षित करने के लिए वृहद स्तर पर वृक्षारोपण भी किया जाएगा। जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान को लेकर सतत कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर सभी जल स्रोतों का परीक्षण कर उनके शुद्धिकरण को लेकर कार्य शुरू हो गया है।
नदी और तालाब के गहरीकरण में जन भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अभियान में 16 जून तक जल संरक्षण के कार्य जन सहयोग एवं शासकीय योजनाओं से किए जाएंगे। जनपदवार जल हठ हेतु चिन्हांकित 25 में से 18 तालाब का सीमांकन पूर्ण हो गया है और 7 तालाब हातोद, खुडैल व सांवेर में 1-1 तथा तहसील कनाडिया एवं राऊ में 2-2 सीमांकन का सीमांकन जल्दी पूरा कर लिया जाएगा।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि अमृत 2.0 योजनांतर्गत नगरीय निकाय में चयनित जल संरचनाओं के अतिरिक्त यदि कोई नदी, झील, तालाब, कुआं, बावड़ी इत्यादि उपलब्ध है, जिसके पुर्नजीविकरण / संरक्षण की आवश्यकता है, तो इन संरचनाओं का उन्नयन कार्य स्थानीय, सामाजिक, अशासकीय संस्थााओं एवं जनभागीदारी के माध्यम से कराया जाएगा। तालाब अतिक्रमण मुक्त और सीवर मुक्त कराएं जाएंगे।
तालाबों के आस-पास वृक्षारोपण कर उन्हें संरक्षित किया जाएगा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि जिले में ग्रामीण तालाबों में गहरीकरण कार्य जन भागीदारी से किया जा रहा हैं। गहरीकरण के लिए ग्रामीणों द्वारा तालाबों में जमा गाद सिल्ट ग्रामीणों द्वारा खुद के साधन से निकालकर खेतों में डलवाई जा रही हैं। इससे जहां एक ओर तालाबों में जल भराव क्षमता में वृद्धि होगी वहीं दूसरी ओर तालाबों से निकली मिट्टी से खेतों की उर्वरता भी बढ़ेगी। उत्पादकता और उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।
जिले में इसी तरह के चल रहे एक अभियान अंतर्गत तालाबों के गहरीकरण के 56 एवं जन भागीदारी से 36 अन्य कार्य किए गए हैं। अभी तक तालाबों से लगभग दो लाख घन मीटर गाद सिल्ट निकाली जाकर किसानों ने अपने खेतों में डलवाई है। दो लाख घन मीटर गहरीकरण कार्य का यदि मूल्यांकन किया जाए तो इसके लिए लगभग 3 करोड रुपए की राशि शासन की व्यय होती जो की ग्रामीणों द्वारा वहन की गई है। जिले में ऐसी नदियों एवं तालाबों को चिन्हित किया जाएगा जिनमें सीवर का पानी मिलने से जल के प्रदूषित और अशुद्ध होने की आशंका है। ऐसे सीवर वॉटर को साफ करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर तत्काल कार्य प्रारंभ किया जाएगा। निकाय अंतर्गत पुराने कुएं एवं बावड़ियों की साफ-सफाई व मरम्मत कार्य अभियान अवधि में किए जाएंगे। निकाय क्षेत्र अंतर्गत बंद पड़े रिहायशी रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की सफाई कराकर उन्हें पुनः उपयोग किये जाने हेतु जागरूक किया जाएगा।
जल संरचनाओं में मिलने वाले गंदे पानी के नाले व नालियों को स्वच्छ भारत मिशन में क्रियान्वित लिक्विड वेस्ट मैनेजमेन्ट परियोजना के माध्यम से डायवर्सन के उपरांत शोधित कर जल संरचनाओं में छोड़ा जाएगा। जल संरक्षण को जन अभियान बनाने की दिशा में सभी संगठनों संस्थाओं से सहयोग की अपेक्षा की है एवं कहा कि जिले में अभियान में अच्छा योगदान करने वाले नागरिकों एवं संस्थाओं को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जायेगा।