सिर्फ 5 लाख रुपए की पेनल्‍टी पर निपट गया पेपर आउट कांड

 

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने कांग्रेस से भाजपा में आए अक्षय कांति बम के कॉलेज के अपराध पर कर दी लीपापोती

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में बुधवार को पेपर लीक कांड की जांच रिपोर्ट खोली गई। इसमें पेपर आउट करने वाले आइडलिक कालेज के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे मामले पर लीपापोती कर दी। कार्यपरिषद के सदस्यों ने कालेज पर पांच लाख रुपये आर्थिक दंड लगाया है। इसके अलावा तीन साल के लिए कालेज को परीक्षा केंद्र नहीं बनाने का फैसला लिया गया।
उल्लेखनीय है कि आइडलिक कालेज कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए अक्षय कांति बम का है। इस मामले में परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाली कालेज प्राचार्या डा. बबीता काडकिया को भी कार्रवाई के दायरे में नहीं लिया। जबकि उन्होंने समिति के सामने प्रश्न पत्र का बंडल थाने की बजाय प्राचार्य कार्यालय में रखने की बात स्वीकारी थी और बकायदा माफीनामा भी लिखकर दिया है। प्राचार्य की गलती की वजह से विश्वविद्यालय को दो विषयों की दोबारा परीक्षा करवानी पड़ रही है। करीब 12 हजार छात्र-छात्राएं पेपर लीक होने से प्रभावित हुए हैं।

एक और कॉलेज पर संदेह

शुरुआत में कुछ सदस्यों ने जांच रिपोर्ट खोलने के बारे में पूछा तो कुलगुरु डा. रेणु जैन ने टाल दिया। आधे घंटे बैठक होने के बाद अचानक उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त निशांत बरवड़े भी पहुंचे। कुछ देर तक विश्वविद्यालय से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। बाद में सदस्यों ने जांच रिपोर्ट के बारे में कहा तो आयुक्त बरवड़े ने कहा कि क्या कोई पेपर लीक कांड हुआ है। मुझे नहीं पता है। बैठक के तीन घंटे बाद पेपर लीक कांड से जुड़ी जांच रिपोर्ट रखी गई। समिति ने 14 बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें आइडलिक के अलावा एक और कालेज पर संदेह जताया गया है, क्योंकि संघवी कालेज की तरफ से लौटाए गए प्रश्न पत्र के बंडल में लिफाफों से छेड़छाड़ की गई है। कई विषयों के लिफाफे खुले हुए मिले हैं।

कॉलेज के बचाव में उतरे कुछ सदस्य

सदस्यों ने 10 मिनट से ज्यादा रिपोर्ट पर चर्चा की। रिपोर्ट खोलते ही कुछ सदस्य कालेज के बचाव में उतर आए। उन्होंने कहा कि अभी पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई है, इसलिए रिपोर्ट खोलना उचित नहीं होगा। आयुक्त ने कहा कि कालेज पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाना चाहिए। सदस्य इस पर राजी हो गए।