राधारानी के बरसाना से जुड़े विवाद को लेकर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और श्रीजी के परमभक्त प्रेमानंद महाराज के बयान सोशल मीडिया पर वायरल

जिसको चाहिए प्रमाण, उनके लिए खुला है कुबरेश्वर धाम : प्रदीप मिश्रा

पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा है कि जिन्होंने अपशब्द कहे हैं, उन्होंने पूरा वीडिया सुना ही नहीं

दैनिक अवन्तिका खंडवा

राधारानी के बरसाना से जुड़े विवाद को लेकर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और श्रीजी के परमभक्त प्रेमानंद महाराज के बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इस बीच पंडित प्रदीप मिश्रा ने प्रेमानंद महाराज को जवाब दिया है।

अपने हालिया वीडियो में कहा है कि ब्रह्मवैवर्त पुराण के आधार पर ही उन्होंने बताया था कि राधारानी बरसाना की नहीं, रावल गांव की रहने वाली थीं। ब्रह्मवैवर्त पुराण के पेज नंबर 174 पर इसका वर्णन किया गया है। आपको बता दें कि राधारानी बरसाना की नहीं थीं, पंडित प्रदीप मिश्रा के इस बयान पर प्रेमानंद महाराज काफी नाराज हो गए हैं। उन्होंने प्रदीप मिश्रा को कहा था कि तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता।

प्रमाण के लिए खुला है कुबरेश्वर धाम
इसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जिस जिस महाराज को प्रमाण चाहिए, उनके लिए कुबरेश्वर धाम खुला है और जिन लोगों ने आधी-अधूरी वीडियो चलाई है, उनको राधारानी और शिवजी देख लेंगे।

आधा अधूरा वीडिया चलाया जा रहा है
एमपी के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग क्षेत्र में पंडित प्रदीप मिश्रा शिव पुराण कथा कर रहे हैं। प्रेमानंद महाराज के नाराज होने पर पंडित प्रदीप मिश्रा का भी बयान आया है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा है कि जिन्होंने अपशब्द कहे हैं, उन्होंने पूरा वीडिया सुना ही नहीं। सोशल मीडिया पर उनका आधा अधूरा वीडिया काटकर चलाया गया है। यह वीडियो 14 साल पुराना है। कमलापुर में 14 साल पहले जो कथा कही थी, उसमें से वीडियो काटकर चलाया गया है। उस कथा में भगवान श्री कृष्ण के साथ राधा जी के विवाह का भी वर्णन किया है।

बदनाम करने वालों ने मीरा को नहीं छोड़ा, तो हमें क्या छोड़ेंगे
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राधा रानी तो उनकी मां हैं। उनके पास चाकरी करने और झाड़ू लगाने में भी उनको परहेज नहीं है। बृजवासी के लोग भोले हैं, उनको भ्रमित किया जा रहा है। उनके वीडियो को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि बदनाम करने वालों ने मीरा तक को नहीं छोड़ा तो हमें क्या छोड़ेंगे। जो लोग अपशब्द कहते हैं, वे अपशब्द कहते रहेंगे, भगवान शिव की कथा चलती रहेगी।