खुसूर-फुसूर आयुष्मान में भी बडा लोचा…!

दैनिक अवंतिका उज्जैन  खुसूर-फुसूर

आयुष्मान में भी बडा लोचा…!

प्रदेश में हुए नर्सिंग कालेज घोटाले के साथ ही चिकित्सा क्षेत्र से जुडे कई सारे मसले सामने आने लगे हैं। पिछले डेढ दशक में नर्सिंग होम और रिसर्च सेंटरों की बाढ सी आई है। अकेले उज्जैन में ही इन डेढ दशक में कई सारे रिसर्च सेंटर आ खडे हुए हैं। इनमें से ही कई सारे आयुष्मान में पंजीबद्ध हैं। इन सूची बद्ध नर्सिंग होम एवं रिसर्च सेंटरों में से ही एक ने पूर्व में बडा कांड किया था। सामान्य परेशानियों और समस्या के लिए इलाज कराने पहुंची कई सारी महिलाओं को हमेशा के लिए गर्भधान से ही मुक्ति दे दी गई और उन्हें मालूम तक नहीं हुआ था। यह कांड भी शासन स्तर की एक योजना का लाभ लेने के लिए अंजाम दिया गया था। अस्पताल में जाने वाले मरीज के शुरूआत में ही अपने तई और समर्थन में बनाए गए वैधानिक प्रारूप के कागज पर हस्ताक्षर करवा कर हाथ काट दिए जाते हैं। ऐसे मामलों में विधि स्तर पर आम आदमी को बहुत अधिक जानकारी नहीं होती है जिसका कतिपय अस्पतालों में लापरवाही और धनपिपासा में दुरूपयोग किया जाता है। आयुष्मान योजना सरकार की गरीब हितों की रक्षा के लिए है। इस योजना को भी पैसा कमाने का साधन बनाया जा रहा है। इसी के चलते इस योजना में भी सुराख देख कर अपना आर्थिक हित साधने में कतिपय अस्पतालों ने कोई कोर कसर नहीं छोडी है। आयुष्मान के हितग्राहियों के दवा के पर्चे एवं उन्हें वास्तविक रूप से दी जा रही दवाई का मिलान किया जाए तो सामने आता है कि कैसे चांदी काटी जा रही है। आयुष्मान मामले में समय रहते ही सरकार को कदम उठाते हुए काम करना चाहिए । खुसूर-फुसूर है कि इस योजना में आने वाले हितग्राहियों को निजी अस्पतालों में दिए जाने वाले इलाज एवं तमाम गतिविधियों की जांच के लिए जिला स्तरीय समितियों को पहल करना चाहिए, जिससे की सूचीबद्ध कतिपय नर्सिंग होम रिसर्च सेंटरों की जालसाजी सामने आ सके।