आगामी समय में सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी डेम 600 करोड़ की लागत से बनाएंगे

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव बोले- मां शिप्रा का जल शिप्रा में ही रहेगा

– शिप्रा शुद्धीकरण के अन्तर्गत 598 करोड की कान्ह डक्ट परियोजना का भूमिपूजन 217 करोड की अन्य सौगात

उज्जैन। शनिवार को 598 करोड की कान्ह डक्ट परियोजना का भूमिपूजन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा है कि आज हमारे कई वर्षों का संकल्प मूर्तरूप लेने जा रहा है। हमने सभी सन्तों के साथ यह संकल्प लिया था कि शिप्रा नदी के जल को निर्मल और स्वच्छ बनायेंगे और कान्ह नदी का पानी शिप्रा में मिलने से रोकेंगे।  कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के माध्यम से अब कान्ह का दूषित जल मां शिप्रा के किसी भी तट पर नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा कि कान्ह का पानी गंभीर नदी के निचले किनारे तक पहुंचाया जायेगा, जिसे भी शुद्धिकरण किया जायेगा और आसपास के किसानों को सिंचाई के लिये पानी मिलेगा। 600 करोड़ रुपये की लागत से आने वाले समय में सेवरखेड़ी में बैराज निर्मित कर शिप्रा का पानी लिफ्ट कर सिलारखेड़ी ले जाया जाएगा और वहां से पुन: शिप्रा में छोड़ा जाएगा। इससे शिप्रा का पानी शिप्रा में ही रहेगा।

      मुख्यमंत्री डॉ.यादव आज उज्जैन के ग्राम डेंडिया स्थित शनि मन्दिर के पास आयोजित 817 करोड़ की लागत के भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कार्यक्रम में लगभग 598.66 करोड़ की लागत से बनने वाली कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का भूमिपूजन किया। इसके अतिरिक्त लगभग 217 करोड़ के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि कई वर्षों की साधना के बाद मां शिप्रा शुद्धिकरण का संकल्प पूरा हो रहा है। कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना समय पर पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उज्जैन की सिंचाई क्षमता को 1 लाख 20 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 4 लाख हेक्टेयर की जाएगी।  सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि आदिकाल से मां शिप्रा का महत्व रहा है। पुराणों में जहां मां गंगा पाप विनाशिनी के रूप में जानी जाती है, वहीं मां शिप्रा मोक्षदायनी हैं। उन्होंने मां शिप्रा शुद्धिकरण के लिए महती कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के लिए मुख्यमंत्री डॉ यादव के प्रति आभार व्यक्त किया।

  कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों के द्वारा कन्या पूजन के साथ किया गया। इसके पश्चात दीप प्रज्वलन और मां शिप्रा का जल प्रवाहित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।

ये थे कार्यक्रमों में उपस्थित-

     इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद अनिल फिरोजिया, सांसद राज्यसभा सन्त बालयोगी उमेशनाथ महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीश मालवीय, जितेन्द्र सिंह पण्ड्या, तेजबहादुर सिंह चौहान, विवेक जोशी, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कमला कुंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती शिवानी कुंवर, बहादुर सिंह बोरमुंडला, विशाल राजौरिया, महन्त अनन्त पुरी, महन्त रामेश्वरदास सहित अन्य सन्तजन, तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा, संभागायुक्त संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

उज्जैन-जावरा मार्ग फोरलेन बनेगा-

मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 हजार करोड़ की लागत से उज्जैन-जावरा फोरलेन व्हाया नागदा का शीघ्र निर्माण पूरा होगा। 6 हजार करोड से बनने वाले उज्जैन-इन्दौर सिक्सलेन का शीघ्र भूमिपूजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 16 जून को पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा का शुभारंभ किया जाएगा।

आयुष्मान कार्ड धारियों के लिए नि:शुल्क एयर एंबुलेंस सेवा-

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पात्रता धारी अपना आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवायें, जिससे उन्हें 5 लाख रुपये तक की नि:शुल्क उपचार का लाभ प्राप्त हो सके। एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से आयुष्मान कार्ड धारी गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को कम समय में मुम्बई, दिल्ली जैसे शहरों पर उपचार हेतु पहुंचाया जाएगा। यह सेवा आयुष्मान कार्ड धारियों के लिए पूरी तरह नि:शुल्क रहेगी।

भगवान कृष्ण और राम के लीला स्थलों का होगा विकास-

उज्जैन और इन्दौर संभाग सहित प्रदेश के सभी देवस्थानों व सभी धार्मिक पर्यटन स्थलों का विकास किया जायेगा। धार , इंदौर के जनापाव,नारायणा में भगवान श्री कृष्ण पहुंचे थे। वहां विकास कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि महाकाल लोक में स्थित सप्तऋषियों की प्रतिमाएं जो  क्षतिग्रस्त हो गई थी, उन्हें उज्जैन में ही कलाकारों द्वारा ठोस पत्थर तराशकर निर्मित किया जा रहा है। उन्हें शीघ्र ही महाकाल लोक में पुनर्स्थापित किया जायेगा।

उज्जैन में लगेगा प्रतिमाएं बनाने का कारखाना –

मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन में प्रतिमाएं बनाने का कारखाना स्थापित किया जाएगा। यहां बनी प्रतिमाएं प्रदेश और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही पीतल से भी यहां प्रतिमाएं बनाई जायेंगी। पूजा-पाठ सामग्री, भगवान की पोशाक, पूजा के पात्र भी प्रदेश में बनवाकर देश के कोने-कोने में उपलब्ध कराये जायेंगे। शासन द्वारा विद्यालयों तथा महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में धार्मिक प्रसंगों को भी जोड़ा गया है।

ऐसी है कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना-

इंदौर तथा सांवेर के सीवेज युक्त जल को कान्ह नदी के माध्यम से क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए जमालपुरा ग्राम के समीप कान्ह नदी पर बैराज का निर्माण करते हुए क्लोज डक्ट के माध्यम से जल का गंभीर नदी में गंभीर बांध के डाउन स्ट्रीम में डायवर्ट किया जायेगा। साथ ही आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए प्रावधानों के अनुसार जल प्रवाह 40 क्यूसेक जल बहाव क्षमता के रूपांकन कार्य किया गया है। जिसमें इंदौर शहर तथा सांवेर शहरी क्षेत्र की अनुमानित जनसंख्या से आने वाले सीवेज एवं सांवेर जल उद्वहन परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र मे होने वाली सिंचाई से जल के रि-जनरेशन, देवास एसटीपी से आने वाले जल को पंप कर कान्ह नदी में छोड़ते हुए डक्ट के माध्यम से व्यपवर्तित किया जाएगा। उक्त परियोजना में 100 मीटर लम्बाई में एप्रोच चैनल 28.650 कि.मी. लम्बाई में 4.50 मीटर के डी-आकार में भूमिगत बाक्स तथा अंतिम 100 मीटर लम्बाई में ओपन चैनल निर्माण का कार्य प्रस्तावित है। परियोजना में निर्माण कार्य की समय-सीमा 42 माह रखी गई है, जिसमें 15 वर्षों का संचालन तथा रखरखाव का प्रावधान किया गया है। डक्ट में शुरुआती तथा अंतिम छोर के अतिरिक्त 4 संख्या में पहुंच मार्ग प्रस्तावित हैं, जिसकी चौड़ाई डक्ट के समान ही 4.5 मी. रखी गई हैं। जिसके माध्यम से डक्ट के अंदर सफाई कार्य जाने हेतु हैवी मशीनरी का भी प्रवेश सुनिश्चित किया जायेगा।