मप्र में हिंदू बच्चों को मदरसों में मिल रही ऊर्दू व इस्लाम की तालीम

 

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा, भाजपा बोली- गंभीर विषय, सरकार करेगी कार्रवाई

भोपाल। मध्य प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू छात्रों को उर्दू के साथ इस्लाम की तालीम भी दी जा रही है। यह सनसनीखेज खुलासा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने किया है।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मध्यप्रदेश में मदरसों में हिंदू बच्चों के पढ़ाने को लेकर जो बयान दिया है, उससे इस पूरे मामले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

माता-पिता की बगैर अनुमति नहीं दे सकते इस तरह शिक्षा

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अजय यादव ने कहा कि यह काफी गंभीर मुद्दा है जिस तरह से मदरसों में इस्लामी शिक्षा दी जाती है, बिना अभिभावकों की मर्जी के हिंदू बच्चों को यह शिक्षा दी जा रही है, तो यह एक गंभीर विषय है। जैसे ही सरकार के पास यह रिपोर्ट आएगी, सरकार इस पर कदम उठाएगी। इस तरह के बच्चों को कैसे मदरसों में एडमिशन दिया गया और वह मदरसे मान्यता प्राप्त है या नहीं है, उस पर भी जांच की जाएगी। सरकार इस मामले में तुरंत कार्रवाई करेगी।

मदरसों में हजारों हिंदू बच्चे

खास बात यह कि इन मदरसों को सरकार आर्थिक सहायता भी देती है। प्रदेश भर से बात की जाए तो लगभग 9417 बच्चे मदरसों में पढ़ाई कर रहे हैं। इन मदरसों में न सुरक्षा के इंतजाम हैं, न ही एनसीईआरटी की शिक्षा व्यवस्था ही लागू है।

बच्चों को सामान्य स्कूल में भेजने का मोहन सरकार से अनुरोध

एनसीईआरटी प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने भोपाल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मोहन सरकार से मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों को सामान्य स्कूलों में भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 1,755 पंजीकृत मदरसों में 9,417 हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं। ये इस्लामी संस्थान शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत नहीं आते हैं। इन संस्थानों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जरूरी बेसिक डेवलपमेंट की भी कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि गैर-पंजीकृत मदरसों में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों को भी सामान्य स्कूलों में भेजा जाना चाहिए। एनसीपीसीआर प्रमुख बाल अधिकारों के संरक्षण के संबंध में विभिन्न राज्य विभागों के साथ बैठक करने के लिए यहां आए थे।