उज्जैन में बनेगा एयरपोर्ट, भारत सरकार ने दी मंजूरी
-मुख्यमंत्री डॉ यादव ने उज्जैन हेलीपैड से किया पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा संचालन का शुभारंभ
उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा केवल श्री महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर नहीं है बल्कि हमारे आस्था के केंद्र ज्योतिर्लिंगों के प्रति देश और दुनिया में स्थित श्रद्धालुओं की आस्था को जोड़ने का संकप्ल हैं। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूं कि उज्जैन में एयरपोर्ट बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा स्वीकृति दे दी गई है।
मुख्यमंत्री डॉ यादव आज उज्जैन स्थित पुलिस लाइन में पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा के संचालन प्रारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा के तहत प्रारंभ हो रहे हैं हेलीकॉप्टर की विधिवत पूजा अर्चना की और हेलीकॉप्टर को हरी झंडी दिखाकर हवाई सेवा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हवाई सेवा का विस्तार निरंतर जारी रहेगा। आने वाले दिनों में हेलीकॉप्टर की संख्या और बढ़ाई जाएगी। जिसमें 16 -16 यात्री हवाई सेवा का लाभ ले सकेंगे। प्रदेश के मैहर, दतिया, ओरछा, अन्य धार्मिक, पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व के देव स्थलों भी हवाई यात्रा से जोड़ा जाएगा।
प्रथम यात्री मुंबई का परिवार-
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने हेली सेवा के अंतर्गत प्रथम यात्री मुंबई से आई श्रीमती दिशा सिंह और उनके परिवार को विमान टिकट का वितरण किया। पहले चरण में भोपाल उज्जैन ओंकारेश्वर एवं इंदौर उज्जैन ओंकारेश्वर रूट पर यह हवाई सेवा प्रारम्भ की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आईआरसीटीसी पर इस सेवा की बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कार्यक्रम को सांसद अनिल फिरोजिया, प्रमुख सचिव विमानन संदीप यादव ने भी संबोधित किया।
उज्जैनवासियों का धन्यवाद-
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन को पिछले दो दिनों में कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों की सौगातें मिली हैं। विकास का यह क्रम निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि विकास के लिए उज्जैनवासियों ने सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की हैं। केडी मार्ग चौड़ीकरण के लिए स्वेच्छा से धार्मिक स्थलों को पीछे करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ यादव ने उज्जैनवासियों को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव श्री महावीर तपोभूमि पहुंचे –
श्री महावीर तपोभूमि प्रणेता आचार्य प्रज्ञा सागर महाराज के सानिध्य में श्री गुरु गौतम स्वामी गुरुकुल का शुभारंभ रविवार को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हुआ। उन्होंने यहां सर्वप्रथम मंदिर में भगवान महावीर स्वामी के दर्शन किये। गुरुकुल का संचालन बाल बह्मचारी अरुण भैया के निर्देशन में होगा। इस अवसर पर जो बच्चों के धर्म के माता-पिता बने उन सभी माता-पिता का सम्मान एवं बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। गुरुकुल में इस सत्र में लगभग 16 बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है उन सभी बच्चों को धार्मिक एवं आध्यात्मिक व स्कूली शिक्षा दी जाएगी। बच्चे 24 घंटे ही श्री महावीर तपोभूमि पर रहेंगे और वहां के नियमों का पालन करेंगे। मुख्यमंत्री ने आचार्य गुरुदेव प्रज्ञा सागर महाराज को श्रीफल समर्पित कर उनसे आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर आचार्य श्री ने प्रवचन में कहा कि मध्य प्रदेश के विकास की एक नई डगर का नाम है डॉ मोहन यादव। हमेशा तत्पर रहने वाले एवं गतिशील रहने वाले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने मध्य प्रदेश में कुछ ऐसा करके दिखाया जो अविस्मरणीय हैं ।
पिता से लिया आशीर्वाद-
पितृ दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उज्जैन में अपने पैतृक निवास पर पिता श्री पूनमचंद यादव से भेंट कर उनका आशीर्वाद और आशीर्वचन प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने पिता को अंगवस्त्र पहनाया और जमकर उनसे बतियाये और लडियाये भी। पिता-पुत्र की चर्चा में दोनों ने हंसी के ठहाके भी लगाए। इस दौरान मुख्यमंत्री के अग्रज नारायण यादव भी उपस्थित थे। बाद में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मिडिया से बातचीत में कहा कि कुटुंब परंपरा विश्व को भारत की देन है। सभी को फादर्स डे अर्थात पितृ दिवस की बधाई।
जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन की दिलाई शपथ-
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को गंगा दशहरा पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी है कि जल गंगा संवर्धन अभियान सफल रहा है। 6 लाख से अधिक लोगों द्वारा अभियान में जन भागीदारी की गई है। जल स्रोतों की संरक्षण के लिए 4000 करोड़ रुपए से अधिक के काम किए जा रहें हैं। वे अभियान अंतर्गत पुरातात्विक धरोहर मोदी का चोपड़ा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ यादव ने सभी को जल स्त्रोत के संरक्षण और संवर्धन की शपथ दिलाई। पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
नीलगंगा सरोवर पहुंच गंगा मैया का पूजन किया-
मुख्यमंत्री ने शैव संप्रदाय के पेशवाई स्थल पर पहुंचकर यहां नीलगंगा सरोवर के समीप लगी गंगा मैया की प्रतिमा और प्राचीन सरोवर का पूजन अर्चन किया। यहां गंगा दशहरा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इससे पूर्व अखाडों के सन्यासियों ने हाथी,घोडे,पालकी और डोल नगाडों के साथ पेशवाई निकाली। इसमें शस्त्र का प्रदर्शन किया गया। संतों सन्यासियों ने सरोवर में स्नान किया। बडी संख्या में यहां साधू संतों की उपस्थिति कार्यक्रम में रही ।