अंधा कत्ल बना नईखेड़ी में मिला युवक का शव – उज्जैन से बेटमा तक पुलिस ने तलाशा सुराग

उज्जैन। नईखेड़ी रेलवे स्टेशन के समीप 24-25 मई की रात युवक की हत्या कर दी गई थी। सुबह लाश मिलने के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की। 23 दिन बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पाया। मामला अंधा कत्ल बन गया है। कई लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया है।
25 मई की सुबह नई खेड़ी रेलवे स्टेशन के पास रेलवे क्वार्टर में रहने वाले सुनील पिता भरत परमार की लाश रक्त रंजित हालत में बरामद की गई थी। घटनास्थल से कुछ दूरी पर ही उसकी बाइक खड़ी थी। धारदार हथियार के सिर पर गंभीर निशान थे। भैरवगढ़ थाना पुलिस ने मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी। मृतक के पिता भारत परमार रेलवे में नईखेड़ी स्टेशन पर गेटमैन है। पुलिस ने परिवार और गांव वालों से पूछताछ कर सुराग तलाशने का प्रयास शुरू किया। इस दौरान सामने आया कि चार माह पहले ही सुनील की शादी हुई थी। वह प्रॉपर्टी का काम करने की बात दोस्तों और परिवार से कहता था। पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की लेकिन 23 दिन गुजर जाने के बाद भी मामले में आरोपियों का सुराग नहीं मिल पाया। मामला अंधा कत्ल बन चुका है पुलिस की जांच अब भी जारी है जिसकी गति अब धीमी पड़ती दिखाई दे रही है।
सामने नहीं आया था लूटपाट होना
सुनील का शव घर से 800 मीटर दूर मिला था परिजनों ने बताया था कि रात को कुछ देर में आने का बोलकर निकला था। घटना स्थल पर सुनील की बाइक मिली थी वहीं उसके हाथ में चांदी का ब्रेसलेट सुनील लिखा हुआ भी मिल गया था। जब में पर्स भी रखा था जिसके चलते लूटपाट की शंका में हत्या होना सामने नहीं आ पाया था। लेनदेन में हत्या होने का शक भी पुलिस की जांच में स्पष्ट नहीं हो पाया है।
बेटमा की युवती से था प्रेम प्रसंग
जांच के दौरान सामने आया था कि सुनील ने 12वीं तक की पढ़ाई की थी चार माह पहले ग्राम पटियाखेड़ी में उसका विवाह हुआ था। शादी से पहले उसका बेटमा की युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। पुलिस ने उसे एंगल पर भी अपनी जांच की ओर बेटमा तक पहुंची लेकिन प्रेम प्रसंग में भी हत्या होना स्पष्ट नहीं हो पाया। पुलिस ने हर बिंदु पर अपनी जांच को आगे बढ़ाया अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है।
कई संदिग्धों से की गई पूछताछ
सुनील की हत्या करने वालों का सुराग तलाशने के लिए भैरवगढ़ थाना पुलिस की टीम ने कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। जिसमें मृतक के परिचित और दोस्त भी शामिल थे। किसी की भूमिका भी हत्या में शामिल होना सामने नहीं आ पाई। मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास पुलिस द्वारा किया गया था उसमें भी सफलता नहीं मिल पाई।