दैनिक अवंतिका उज्जैन।

महाकाल मंदिर में काम करने वाले लोग ऐसा नहीं कि सभी गड़बड़ी करते हैं। इनमें कई लोग ऐसे भी है जो पूर्ण रूप से ईमानदार और सेवाभावी भी है। इनमें से एक कर्मचारी संजय आंजना ने बुधवार को अपने स्वयं के निजी खर्च से परिसर के अंदर दो बोरिंग करवा दिए ताकि भविष्य मेें मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को पीने की पानी की समस्या न आए। आंजना मंदिर में ई-कार्ट चालक हैं।

उल्लेखनीय है कि मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में पानी की आवश्यकता भी अधिक होगी। इसको ध्यान में रखते हुए कर्मचारी के मन में यह सेवा कार्य करने का विचार आया। उसने दो बोरिंग कराए और दोनो बोरिंग में भरपूर पानी भी निकल आया। इस बोरिंग के पानी से श्रद्धालुओं की प्यास बुझाने के लिए जल स्त्रोत भरे जाएंगे। फिलहाल मंदिर में एक बड़ी टंकी है जिसके भरोसे पेयजल व्यवस्था पर निर्भर रहना पड़ता है। 

मंदिर समिति एक टंकी के भरोसे 

थी, पीएचई की सप्लाई भी गड़बड़ाई 

वर्तमान में गंभीर बांध में कम पानी होने से शहर में पीएचई से पानी की सप्लाई कम हो रही है। जिसके कारण मंदिर में भी आए दिन पानी की समस्या आती है। दोनों नए बोरिंग में मोटर भी लगाई गई है। अब मंदिर में भरपूर पानी है। आंजना ने बताया कि उसने अपनी पुस्तैनी जमीन बेची थी जिसमें से कुछ राशि दान-पुण्य के लिए रखी थी। उसी से यह कार्य संपन्न हुआ है। 

महाकाल लोक व यज्ञशाला के पास 

बोरिंग, जमीन से मिले पैसे लगाएं

एक बोरिंग महाकाल लोक के पास व दूसरा परिसर में यज्ञशाला के पास कराया गया है। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया ई-कार्ट चालक आंजना ने अपनी जमीन बेचने के बाद प्राप्त कुछ राशि से दान करने की इच्छा जताई थी। उसी से दो बोरिंग कराए गए है। मंदिर समिति ने आंजना का भगवान महाकाल का दुपट्टा, तस्वीर और प्रसाद भेंट कर जल दूत के रूप में सम्मान किया।