उज्जैन के जिला अस्पताल में ड्राइवर का टोटा- अस्पताल की व्यवस्थाएं बिगड़ी-अब इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों को स्वयं के वाहन से आना पड़ेगा
-चालकों की अत्यधिक कमी को देखते हुए सिविल सर्जन ने किया आदेश जारी
-इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों को नहीं मिलेगा अस्पताल के सरकारी वाहन की सुविधा का लाभ
दैनिक अवंतिका उज्जैन। वैसे तो उज्जैन के जिला अस्पताल में उपचार संबंधित कई सुविधाओं का टोटा रहता है। लेकिन इन दिनों अस्पताल प्रशासन के लिए एक नई समस्या खड़ी हो गई है। पिछले कई दिनों से जिला अस्पताल में वाहन चालकों की अत्यधिक कमी खल रही है इमरजेंसी के दौरान डॉक्टरों को लाने ले जाने के लिए जिन सरकारी वाहनों को उपयोग किया जाता है। उन्हें चलाने के लिए ड्राइवर नहीं मिल रहे हैं। इस वजह से अस्पताल की व्यवस्थाएं बिगड़ी हुई है।इस कारण सिविल सर्जन ने सभी डॉक्टरों को इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान स्वयं के वाहन से आने के लिए एक आदेश जारी किया है।
जिला चिकित्सालय चरक व माधवनगर अस्पताल में इन दिनों ड्राइवर की कमी खल रही है। इसलिए इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों को अपने निजी वाहन से आना पड़ेगा। उन्हें सरकारी व्यवस्था का लाभ नहीं मिल पाएगा। जब भी कोई इमरजेंसी होती है तो जिला अस्पताल का सरकारी वाहन डॉक्टर को इमरजेंसी कॉल पर लेने पहुंचता है लेकिन इन दिनों उज्जैन के जिला चिकित्सालय में वाहन चालकों की अत्यधिक कमी खल रही है जिसके चलते सिविल सर्जन डॉ पी एन वर्मा ने आदेश जारी करते हुए हवाला दिया है कि वाहन चालकों की कमी के कारण अस्पताल प्रशासन को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से जब भी डॉक्टर के पास ड्यूटी दिवस के दौरान इमरजेंसी कॉल आता है तो उन्हें अपने निजी वाहन से तुरंत अस्पताल में उपस्थित होना पड़ेगा। रात्रि 9:00 से प्रातः 9:00 बजे मध्य जिला चिकित्सालय की मेंन इमरजेंसी में उपलब्ध कॉल वाहन कॉल ड्यूटी हेतु उपलब्ध रहेगा।