दो ट्रेनों में मिली महिला की लाश का 14 दिन बाद इंदौर जीआरपी ने मामले का किया खुलासा, सतूर से काटा था शव, शारीरिक संबंध बनाने में नाकाम वृद्ध ने घोंटा था गला

ॅ आउटर पर रुकी ट्रेनों में वृद्ध ने रखे थे शवों के टुकड़ों से भरे बोरे

ॅ खुलासे में आरोपी वृद्ध की मूक बधिर पत्नी की भूमिका रही जिसे पूरा घटनाक्रम पुलिस को बताया

दैनिक अवन्तिका उज्जैन

इंदौर और ऋषिकेश पहुंची ट्रेनों में मिले मृत महिला के अंगो को बोरे में भरकर उज्जैन से रखा गया था। शारीरिक संबंध बनाने में नाकाम होने पर वृद्ध ने गला घोंटकर हत्या की थी और बाद में धारदार सतूर से अंगों को काटा था। 14 दिन बाद इंदौर जीआरपी ने अंधे कत्ल की कड़ियों को जोड़कर मामले का खुलासा कर दिया। खुलासे में आरोपी वृद्ध की मूक बधिर पत्नी की भूमिका रही। जिसे पूरा घटनाक्रम पुलिस को बताया।
8 जून को इंदौर के यार्ड में पहुंची अंबेडकर नगर महू-इंदौर पैसेंजर ट्रेन के जनरल कोच में सीट के नीचे अज्ञात महिला के शव के टुकड़े ट्राली बेग और प्लास्टिक की बोरी में भरे मिले थे। शवों के टुÞकड़ो को शॉल में लपेटा गया था।

ॅ इंदौर जीआरपी मामले की जांच शुरू करती और मृतक महिला का पता लगा पाती 10 जून को खबर आई कि ऋषिकेश पहुंची योग नगरी ऋषिकेश पहुंची एक्सप्रेस ट्रेन के कोच एस-1, एस-2 के बीच कपलिंग में चावल की बोरी महिला के कटे हाथ और कुछ अंग मिले। 2 ट्रेनों में मिले महिला के कटे अंगों को लेकर इंदौर जीआरपी ने जांच शुरू की और उज्जैन रेलवे स्टेशन से महिला के कटे अंगो की बोरियां ट्रेन में रखने की आशंका जताई गई।

ॅ 14 दिन बाद रविवार को इंदौर जीआरपी उप पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार ने मामले का सनसनीखेज खुलासा किया और बताया कि महिला की हत्या का उज्जैन में सी केबीन के पास अंजाम दिया गया था। वहीं उसके शव को काटा गया था और आउटर पर रुकी दोनों ट्रेनों में कटे अंगों को बोरियों को रखा गया था।

ॅ हत्या को हीरा मिल की चाल में रहने वाले कमलेश पिता रामप्रसाद पटेल 60 साल ने अंजाम दिया था। वह महिला से शारिरीक संबंध बनाने में नाकाम रहा था, जिसके चलते उसके चेहरे पर लोहे के बड़े नट से वार किया था, बेहोश होने पर रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी थी और बाजार से धारदार सतूर खरीदकर लाने के बाद घर में ही लाश के टुकड़े कर दोनों ट्रेनों में रखा था।

ॅ उप पुलिस अधीक्षक के अनुसार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में उसकी साजिश का खुलासा करने में उसकी ही मूक बधिर पत्नी आरती की भूमिका रही। जिससे घटना का पता लगाने के लिये मूक बधिर विशेषज्ञ ज्ञानेन्द्र पुरोहित की मदद ली गई।

पति से नाराज होकर 6 जून को आई थी उज्जैन
दो ट्रेनों में शव मिलने के बाद ऋषिकेश पुलिस को बोरे में बंद मिले महिला के कटे हाथ पर मीराबेन गोपाल भाई गुदा दिखाई दिया था। 8 दिनों की मशक्कत के बाद मृतक महिला की पहचान रतलाम जिले के बिलपांक थाना क्षेत्र की रहने वाली मीराबेन पति भवंरलाल 30 साल के रूप में हुई। उसके हाथ पर लिखा गोपाल भाई बचपन में परिजनों ने लिखवाया था। गोपाल उसका भाई है। मीराबेन 6 जून को पति से नाराज होकर उज्जैन पहुंची थी। जहां रेलवे स्टेशन पर मथुरा जाने की ट्रेन का इंतजार कर रही थी। उसी दौरान आरोपी कमलेश ने उसे अकेला देख आत्मीयता दिखाई और अपने घर ले गया। जहां उसकी नियत बिगड़ गई और मीराबेन को उसने खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर खिला दिया। 7 जून की सुबह वह शारिरीक संबंध बनाने का प्रयास कर रहा था। मीराबेन को पूरी तरह नशीली दवा का असर नहीं हुआ था। उसने विरोध किया और शोर मचाया तो लोहे के नट से चेहरे पर वार कर रस्सी से गला घोेंट दिया था।

मूलरूप से उत्तरप्रदेश का रहने वाला है आरोपी
उप पुलिस अधीक्षक रेल राजेन्द्र कुमार ने बताया कि आरोपी कमलेश मूलरूप से उत्तरप्रदेश के ललितपुर का रहने वाला है। विगत 15 सालों से उज्जैन में निवास कर रहा है। उसकी पत्नी आरती मूकबधिर है। आरोपी को हिरासत में लेने के बाद उसके घर से मृतक महिला के कपड़े, एचएमटी की हाथ घड़ी, मोबाइल की बेटरी, चप्पल, नींद की गोलियां, हत्या में प्रयुक्त सतूर, लोहे का नट बरामद किया गया है। बताया जा रहा है कि उसने मृतक महिला के मोबाइल में अपनी सीम कार्ड डाला था, जिसके आधार पर पुलिस को उस तक पहुंचने में सफलता मिल गई। वह बरगलाने का काम कर रहा था, लेकिन उसकी मूकबधिर पत्नी ने पूरा घटनाक्रम विशेषज्ञ की मदद से खोल दिया।