फिर होगा पौधारोपण में लाखों का खेल…. इस बार उज्जैन में लगाएं जाएंगे तीस लाख से अधिक पौधे
फर्जी मस्टर, खाद-कीटनाशक के नाम पर भारी भरकम बिल
उज्जैन। पौधरोपण के नाम पर इस बार फिर लाखों का खेल होगा…! यह खेल इसलिए होगा क्योंकि लाखों रुपए के पौधे खरीदकर लगाए तो जाएंगे लेकिन न तो इन्हें पूरी तरह से लगाया जाएगा और न ही गिनती की जाएगी कि आखिर पौधे कितनी संख्या में आए है। कुल मिलाकर बीते वर्षों की तरह ही पौधरोपण कागजों पर ही होगा। बता दें कि उज्जैन में इस बार के अभियान में तीस लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है।
रोपित पौधों में से आधे भी नहीं बच पाते हैं
मध्य प्रदेश के अन्य सभी शहरों के साथ ही उज्जैन को भी हरा-भरा बनाने के लिए सरकार द्वारा हर साल करोड़ों पौधे रोपे जाते हैं। इन पौधों को रोपने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। वन विभाग फर्जी मस्टर, खाद-कीटनाशक के नाम पर भारी भरकम बिल बनाता है, लेकिन रोपित पौधों में से आधे भी नहीं बच पाते हैं। एक बार फिर से लगातार दो महीने तक बड़े स्तर पर पौधरोपण अभियान चलेगा। अभियान का आगाज करने के साथ सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सजावटी ओर हेज प्लांट से पूरी तरह दूरी बनाई जाए। पौधारोपण में छायादार और औषधीय प्रजाति के पौधे ही रोपे जाएं। इस दौरान स्मृति वन, नक्षत्र वन और संस्कृति वन विकसित करने पर फोकस किया जाए। वन क्षेत्रों के साथ ही सभी नगरीय क्षेत्रों में 15 जुलाई से 15 सितम्बर तक व्यापक रूप से पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। दो महीने तक चलने वाले पौधरोपण में मध्यप्रदेश के अन्य सभी शहरों के साथ ही उज्जैन शहरी इलाकों में एक करोड़ 75 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य तय किया गया है। इस संबंध में नगरीय विकास एवं आवास विभाग से सभी कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
दिखावे के लिए.. … पौधों की स्थिति क्या
बता दें कि जब सरकारी स्तर पर पौधरोपण अभियान चलता है तो जनप्रतिनिधियों के साथ ही अफसर भी समय पर तो पहुंचते है लेकिन दिखावे के लिए। पौधरोपण के बाद यह नहीं देखा जाता है कि पौधों की स्थिति क्या है। ऐसी स्थिति में आधे से अधिक पौधे तो देखरेख के अभाव में बच ही नहीं पाते है। हालत यह हो जाती है कि या तो पौधे मुरझा जाते है या फिर उन्हें गाय भैंस खा जाते है। करीब 50 फीसदी पौधे बच पाते है और इनके नाम पर भी फॉरेस्ट विभाग में संधारण के नाम पर फर्जी मस्टर और खाद-कीटनाशक के नाम पर भ्रष्टाचार किया जाता है।
कलेक्टरों को निर्देश जारी
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सभी कलेक्टरों को इस संबंध ने निर्देश जारी कर कहा है कि अन्य विभागों के साथ मिलकर पौधरोपण अभियान चलाएं। बारिश के दौरान अधिक से अधिक पौधे रोपे जाएं। विभाग ने कहा है कि एक लाख एवं इससे अधिक जनसंख्या की 17 नगर पालिकाओं में एक-एक लाख, एक लाख से कम जनसंख्या वाली 82 नगर पालिका में 15-15 हजार और 298 नगर परिषद में 10-10 हजार पौधे रोपे जाने हैं। साथ ही जन-अभियान परिषद, स्वयंसेवी संस्थाओं, स्व-सहायता समूह, एनएसएस, एनसीसी तथा स्कूल, कॉलेज के छात्र-छात्राओं को भी इस अभियान से जोड़ने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में नगरीय निकायों में अमृत 2.0 योजना अंतर्गत हरित क्षेत्रों का विकास कार्य प्रचलित है। पौधरोपण अभियान में वित्तीय व्यवस्था अमृत 2.0 योजना अंतर्गत उपलब्ध राशि, नगरीय निकाय में उपलब्ध स्वयं के स्त्रोत से तथा जन-सहयोग से की जायेगी।