अब मंत्रियों का इनकम टैक्स नहीं भरेगी मप्र सरकार, खुद भरेंगे

 

52 साल बाद कैबिनेट का बड़ा फैसला, मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक

भोपाल। मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वर्ष 2024-25 के बजट का प्रस्तुतिकरण हुआ। इसमें किए गए प्रावधानों पर सहमति जताई गई। कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया गया कि अब मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार नहीं, बल्कि खुद मंत्री भरेंगे। अभी तक सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रियों के वेतन भत्ते पर लगने वाला आयकर भरता था। 52 साल पहले यह व्यवस्था की गई थी परंतु लागू अब किया गया है। बैठक के निर्णयों की जानकारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी।

कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले

मध्‍य प्रदेश के सभी विकासखंडों में स्थापित मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का संचालन कृषि स्नातक और कृषि क्षेत्र में काम करने वाली सहकारी समितियां करेंगी।
हर विकासखंड में 45-45 नमूनों की जांच के लिए राशि सरकार की ओर से दी जाएगी। इसके बाद संचालनकर्ता स्वयं मृदा परीक्षण करेंगे और राशि प्राप्त करेंगे।
मध्य प्रदेश के ऐसे विद्यार्थी, जो अन्य राज्यों के सैनिक स्कूल में पढ़ते हैं, उन्हें भी छात्रवृत्ति दी जाएगी।
रेलवे से जुड़ी परियोजनाओं के लिए मप्र में अब परिवहन के स्थान पर लोक निर्माण विभाग नोडल विभाग होगा और समन्वय का काम दिखेगा।
सैनिक के बलिदान होने पर उसकी पत्नी को दी जाने वाली सम्मान निधि का आधा हिस्सा माता-पिता को भी दिया जाएगा। अभी तक यह पूरी राशि पत्नी को दी जाती थी।
कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत पौधारोपण के लिए निर्धारित 10 हेक्टेयर क्षेत्र की सीमा नहीं रखी जाएगी। इसका मतलब है कि कोई संस्था 2 हेक्टेयर में भी पौधारोपण करना चाहती है तो उसे भी अनुमति मिलेगी।

1 जुलाई से शुरू होगा मानसून सत्र

एक जुलाई से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में मध्‍य प्रदेश की डॉ. मोहन सरकार का पहला पूर्ण बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इसके पहले आज मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में बजट प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। मप्र का वर्ष 2024-25 का बजट साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। इसमें प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व से संचालित सभी योजनाओं के लिए प्रविधान किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने जुलाई 2024 तक योजनाओं को संचालित करने के साथ अन्य व्यय के लिए लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये का लेखानुदान प्रस्तुत किया था।
अब पूर्ण बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इसकी तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने सोमवार को मुख्य सचिव वीरा राणा, वित्त विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के साथ बैठक की।
सूत्रों के अनुसार सरकार बजट में जनता पर बोझ बढ़ाने वाला कोई कदम नहीं उठाएगी। केंद्रीय योजनाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर विभागों को राशि आवंटित की जाएगी।