दैनिक अवंतिका उज्जैन। उज्जैन अब प्रदीप मिश्रा की कथा नहीं होने दी जाएगी। उज्जैन के अखाड़ों, आश्रमों व मंदिरों से जुड़े प्रमुख साधु-संतों ने बैठक कर यह निर्णय सर्वानुमति से लिया है। 

संतों ने प्रदीप मिश्रा की कथा में टोने-टोटके कर कमाई संप्पति की जांच की शासन-प्रशासन से जांच की मांग भी की है। साधु-संत प्रदीप मिश्रा द्वारा अपनी कथा में राधा रानी जी और तुलसीदासजी महाराज को लेकर की गई गलत टिप्पणी से नाराज है। इसे लेकर बुधवार को उज्जैन में षट्दर्शन संत समाज और तीर्थ पुरोहितों की एक संयुक्त बैठक हुई। संतों ने कहा कि जब तक प्रदीप मिश्रा इस विषय पर नाक रगड़कर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं। उनका विरोध जारी रहेगा। मिश्रा के खिलाफ 13 अखाड़ों के संत, महंतों, मंदिरों के पुजारियों ने खाकचौक स्थित वैदेही गार्डन में एकत्रित होकर बैठक में यह निर्णय लिया। 

प्रदीप मिश्रा के खिलाफ बुलाई 

बैठक में ये संत शामिल हुए 

बैठक में महंत रामेश्वर दास, राघवेंद्र दास, दिग्विजय दास, भगवान दास, मुनि शरण महाराज, सेवा गिरि, ज्ञानदास दास, सांदीपनि आश्रम के पुजारी रूपम व्यास, अंगारेश्वर मंदिर के पुजारी मनीष उपाध्याय सहित अखिल भारतीय पुरोहित महासभा और धर्म यात्रा संघ के करीब 100 लोग शामिल हुए।

साइकिल पर घूमने वाला कथा वाचक 

बन धर्म के खिलाफ बोल रहा मिश्रा

बैठक में प्रमुख रूप से महंत भगवान दास ने कहा कल तक साइकिल पर घूमने वाला आज बड़ा कथा वाचक बन सनातन धर्म के खिलाफ बोल रहा है। राधा रानी और तुलसीदासजी पर दिए गए बयानों की हम सभी संत निंदा करते है और ये प्रण लेते है की प्रदीप मिश्रा जब तक माफी नहीं मांगेंगे, तब तक उज्जैन में उनका विरोध होगा।

एडीएम को मिश्रा पर कार्रवाई 

की मांग का ज्ञापन भी दिया

संतों ने एडीएम अनुकूल जैन को प्रदीप मिश्रा पर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग का एक ज्ञापन भी दिया। 

संत सुमनानंद गिरि ने 

पुलिस रिपोर्ट की मांग की

दो दिन पहले ही सांदीपनि आश्रम के पुजारी रूपम व्यास ने प्रदीप मिश्रा के राधा रानी जी को लेकर दिए बयान का कड़ा विरोध किया था। वहीं श्री मौनतीर्थ पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी डॉ. सुमनानन्द गिरि महाराज ने तीन जगह आवेदन देकर मिश्रा के खिलाफ पुलिस एफआईआर की मांग की है।