लोकायुक्त में 51 अधिकारियों पर धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध देवास के 54 छात्रावासों में शासन की 3.28 करोड़ की संधारण राशि का दुरूपयोग

उज्जैन।  वर्ष 2022-23 में देवास जिले के 54 अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रावासों और आश्रमों में संधारण कार्य के साथ परिसंपत्तियों के लिये 3 करोड़ 28 लाख 81 हजार की राशि का आवंटन शासन की ओर से किया था। आदित जाति कल्याण विभाग की ओर से राशि का दुपरूपयोग करते हुए एक ही ठेकेदार को संधारण कार्य सौंप दिया। कलेक्टर के पास शिकायत पहुंची तो जांच शुरू की। शासन की राशि का दुरूपयोग होने पर मामले में लोकायुक्त उज्जैन ने आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विभाग जिला देवास के प्रभारी अधिकारी और छात्रावास अधीक्षकों के साथ ठेकेदार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धोखाधड़ी और पड़यंत्र पूवर्क राशि हड़पने का प्रकरण दर्ज किया है।
लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि राज्य शासन से देवास जिले के 54 अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावासों/आश्रमों में परिसंपत्तियों के संधारण और अनुरक्षण कार्यो के लिये आयुक्त अनुसूचित जनजाति कार्य विभाग भोपाल, आयुक्त अनुसूचित जाति कार्य विभाग भोपाल द्वारा 3 करोड़ 28 लाख 81 हजार की राशि का आवंटन किया था। राशि आवंटन के बाद कार्य गुणवत्ताहीन होने के साथ समयावधि में पूरा नहीं हुआ। शासन की राशि का दुरूपयोग होना सामने आने पर देवास कलेक्टर ने मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा से की। मामले में जांच शुरू करने पर गंभीर अनियमितता मिलने पर आदिम जाति, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग देवास के तत्कालीन जिला संयोजक विवेक नागवंशी, कार्य को करने वाले प्रायवेट ठेकेदार राजेन्द्र दुबे, विभाग के कम्प्यूटर आॅपरेटर हेमंत चौहान सहित सभी 54 छात्रावासों के अधीक्षक और नोडल अधिकारियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 83/2024 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (ए), 13 (2) के साथ धारा 409, 420, 120 बी का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
संयोजक ने मौखिक आदेश पर कराया भुगतान
लोकायुक्त डीएसपी तालान ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि संधारण कार्य के लिये अनुसूचित जनजाति छात्रावासों के लिये सबसे पहले 1 करोड़ 42 लाख 85 हजार 714 रूपये की राशि आवंटित कराई गई थी। वही लघु निर्माण कार्या के लिये 27 लाख और बाद में परिसंपत्तियों का संधारण कार्य के लिये 97 लाख 95 हजार के साथ 60 लाख 32 हजार का आवंटन शासन की ओर से किया गया। राशि कलेक्टर के माध्यम से आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विभाग के प्रभारी अधिकारी विवेक नागवंशी जिला संयोजक के पास पहुंची। उन्होने सभी अधीक्षको की बैठक लेकर मौखिक आदेश जारी करते हुए ठेकेदार को भुगतान करने आदेश जारी कर दिये। अधीक्षको ने कार्य पूरा होने से पहले ही ठेकेदार को भुगतान कर दिया।
राशि मिलते ही ठेकेदार ने बंद किया काम
जांच में यह भी सामने आया कि ठेकेदार राजेन्द्र दुबे को सभी छात्रावास अधीक्षको से भुगतान मिलने पर काम बंद कर दिया गया। मार्च 2023 में शिकायत हुई तो देवास कलेक्टर ने जांच शुरू कराई। ठेकेदार ने दोबारा काम शुरू किया, लेकिन गुणवत्ताहीन के साथ अधूरा काम कर इतिश्री करने की कोशिश की।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ प्रकरण
लोकायुक्त ने आदित जाति अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के संयोजक,  कम्प्यूटर आपरेटर, ठेकेदार के साथ जिले के छात्रावासों के अधीक्षक और नोडल अधिकारियों में शामिल प्रकाश चौहान, श्रीमती प्रवीणा ठाकुर, दुर्गा पुराना, हेमलता सोलंकी, मनोरमा परते राधेश्याम ठाकुर, देवनारायण मालवीय रमेशचंद्र जामारे, महेशचंद्र आरके, शीला राठौर, किस्मत बघेल, बबीता मीणा, साड़िया सिंह, सतीश लोचवाल, राजेश देवड़ा, रामभरोस मर्सकोले, जगदीश राठौर, मीनाक्षी गोस्वामी निर्मला उईके, गायत्री लोदवाल, संजय हरसोदिया,  अनिल सोलंकी, सीताराम भगत, मोहन मंसोरे, स्वाति तिवारी, ज्योतिबाला खराड़िया, संतोष मेहमा, सावित्री गरासिया, रामचरण राजोरिया, डेनियर लारेंस, राधेश्याम बोडाना, पूर्णिमा कौशिक, कृष्णा चौहान, हंसा ठाकुर, गणेश मेड़ा, राधेश्याम देवडा,  सुरजी कुमरे, प्रेमसिंह भूसारे, सुन्दरेल सतवास, विक्रम  मालवीय, विजयलक्ष्मी परते, दिनेश कलेशरिया, तृप्ति जोशी, रेखा कंगाली, धर्मेन्द्रसिंह चौहान, प्रेमसिंह पंवार, सत्यनारायण गौड़, शशि योगी, रेखा खरते शामिल है।