दैनिक अवंतिका उज्जैन।श्रावण व भादो मास में परंपरा अनुसार महाकाल की सवारी निकलेगी। सवारी के मंदिर से निकलने से पूर्व की व्यवस्थाओं की जानकारी लेने के लिए उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा शनिवार शाम सबसे पहले महाकाल पहुंचे। यहां पंडे-पुजारियों व मंदिर के अफसरों ने कलेक्टर को एक-एक जानकारी दी। 
कलेक्टर को बताया गया कि सवारी शुरू होने से पहले मंदिर के सभामंडप में दोपहर 3.15 बजे से भगवान महाकाल के स्वरूप चांदी के मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर आदि प्रतिमा का सवारी अनुसार पूजन करते हैं। पूजन के बाद प्रतिमा को चांदी की पालकी में विराजित करते है। इस दौरान सभामंडप में पंडे-पुजारी, मंदिर से अधिकारी, कर्मचारी, प्रशासन, पुलिस के अधिकारी रहते हैं। इसके अलावा जनप्रतिनिधि और उनके साथ आने वाले लोगों सहित आम श्रद्धालुओं की भीड़ हो जाती है। इसके रोकने के लिए मंदिर समिति के द्वारा बेरिकेटिंग की जाती है। इसके बावजूद कई बार भीड़ अनियंत्रित हो जाती है। कलेक्टर व एसपी ने कहा कि इसके लिए विशेष इंतजाम करने होंगे। पूजन के बाद शाम ठीक 4 बजे भगवान की पालकी मन्दिर प्रांगण से भ्रमण के लिए रवाना होती है।
मंदिर के बाहर सलामी, महाकाल 
से गुदरी तक डबल बेरिकेटिंग
मन्दिर से पालकी बाहर जाकर रुकती है जहां पुलिस के जवानों द्वारा राजधिराज महाकाल को शासकीय परंपरा अनुसार सलामी दी जाती है। इसके बाद भगवान महाकाल नगर भ्रमण के लिए रवाना होते हैं। यहां भी काफी भीड़ हो जाती है। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कहा कि महाकाल मन्दिर के बाहर से गुदरी चौराहे तक मार्ग के दोनों तरफ डबल बेरिकेटिंग करने के निर्देश दिए। 
पैदल निरीक्षण में अफसरों के साथ 
समिति सदस्य, पुजारी भी शामिल
सवारी मार्ग पर पैदल निरीक्षण के दौरान एडीएम अनुकूल जैन, मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना, नगर निगम के आयुक्त आशीष पाठक, महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य राम पुजारी, पूर्व सदस्य पुुजारी आशीष गुरु, मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।