जागरूकता संवाद: दंड के स्थान पर न्याय पर रहेगा फोकस -कानून की नई धाराओं में दर्ज होने लगे प्रकरण

उज्जैन। देश में 1 जुलाई से 3 नए अपराधिक कानून लागू कर दिये गये। कानून के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के लिये पुलिस ने सोमवार को संवाद किया। जिसमें बताया गया कि नया कानून दंड के स्थान कह जगह न्याय पर अधिक फोकस रहेगा। कानून में डिजीटल सुविधाओं को जोड़ा गया है। रविवार-सोमवार रात 1 जुलाई की शुरूआत होते ही देश में 3 नये कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू कर दिया गया। एसपी प्रदीप शर्मा ने तीनों कानून से आम लोगों को रूबरू करने के लिये सोमवार को जागरूता संवाद कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया। सभी थानों पर सुबह 11 बजे आमजन के साथ गणमान्य नागरिको, महिलाओं, युवाओं से संवाद किया। जिसमें कानून के प्रावधानों को बताया गया। माधवनगर थाने पर आयोजित जागरूकता संवाद में एएसपी नितेश भार्गव ने कहा कि नये कानून को 164 साल पुराने कानून से बदलकर भारतीयों की आवश्यकता अनुसार बनाया गया। इसमें दंड के स्थान पर न्याय पर अधिक फोकस किया गया है। कानूनी प्रक्रिया में डिजीटल सुविधाओं जैसे ई-एफआईआर, जीरो एफआईआर, आॅनलाइन समंस वारंट तामिली, फरियादी के अधिकारों, आरोपियों के अधिकारों तथा नये सामाजिक दंड को जोड़ा गया है। शासन की मंशा सुलभ न्याय, सरल न्याय और त्वरित न्याय की है। थाना प्रभारी राकेश भारती ने भी कानून के संबंध में आमजन के सवालों को सुना ओर उनके जवाब देकर नये कानून के नियम और बदली गई धारा से अवगत कराया। जिले के सभी थानों पर दोपहर तक जागरूकता संवाद थाना प्रभारियों और सीएसपी के माध्यम से किया जाता रहा। जीवाजीगंज थाना प्रभारी नरेन्द्रसिंह परिहार ने अपनी स्टॉफ के साथ सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल परिसर में संवाद किया। जिसमें विद्यार्थियों के साथ अध्यापक, प्राचार्य और क्षेत्रीय नागरिक शामिल रहे। नये कानून के प्रावधानों और नियमों को जानने के लिये आम लोग काफी उत्सुक दिखाई दिये। एसपी शर्मा महाकाल थाना पुलिस द्वारा आयोजित किये गये संवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे।
ग्रामीण क्षेत्रों में लगाई जा रही चौपाल
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि नये कानून को लेकर जागरूकता संवाद आगामी दिनों में जारी रखा जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में थाना पुलिस और चौकी प्रभारियों द्वारा चौपाल लगाकर संवाद किया जा रहा है। वहीं नवीन अपराधिक नियमों के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से पंपलेट वितरित और चस्पा किये जा रहे है। धर्मशाला, स्कूल, कॉलेज, होटलों और सार्वजनिक स्थानों पर भी संवाद कर आम लोगों को नये कानून से अवगत कराया जायेगा।
नये कानून में रहेगी सुरक्षा सुविधा
1-अपराध के शिकार महिला और बच्चों को सभी अस्पतालों में फर्स्ट एड या इलाज निशुल्क मिलने की गारंटी होगी।
2-गवाहों की सुरक्षा व सहयोग के लिए सभी राज्य सरकार विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम लागू करेगी। दुष्कर्म पीडिताओं को आडियो-वीडियो के माध्यम से पुलिस के समक्ष बयान दर्ज करने की छूट मिलेगी।
3-नए कानून में मामूली अपराधों के लिए दंडस्वरूप सामुदायिक सेवा की विधा शुरू की गई है। समाज के लिए सकारात्मक योगदान देकर दोषी अपनी गलतियों को सुधारने का काम करेगा।
4-सुनवाई में देरी से बचने और न्याय की त्वरित बहाली के लिए कोई अदालत किसी मामले को अधिकतम दो बार ही स्थगित कर सकेगी। सभी कानूनी कार्यवाही इलेक्ट्रानिक माध्यमों से हो सकेगी।
5- पीड़ित महिला की अदालती सुनवाई महिला मजिस्ट्रेट ही करेगी। अन्यथा संवेदनशील मामले में किसी महिला की उपस्थिति में पुरुष मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज होगा।
6-15 साल से कम आयु, साठ साल से अधिक और दिव्यांगो, गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को पुलिस स्टेशन में पेश होने से छूट होगी। उन्हें पुलिस की मदद अपने निवास स्थान पर ही मिलेगी।
चिमनगंज में दर्ज हुआ पहला मामला
रविवार-सोमवार रात 12 बजे लागू हुए नये कानून के तहत पहला मामला चिमनगंज थाना पुलिस ने रात 1.40 बजे दर्ज किया गया। पीड़ित रणजीत पिता मनोहर राठौर निवासी अतिरिक्त विश्वबैंक कालोनी के साथ कानीपुरा मार्ग तेज डिब्बा कारखाने के सामने अज्ञात युवको ने रोककर मारपीट करते हुए गाली गलौच की थी। रणजीत रिक्शा चालक है और घर लौट रहा था। पुलिस ने मामले में अज्ञात युवको के खिलाफ नये कानून की धारा 126 (2), 296, 115, 3 (5) में प्रकरण दर्ज किया है। अब सभी थानों पर नई धाराओं में प्रकरण दर्ज किये जाने की शुरूआत हो चुकी है।