आखिर क्या मालवा निमाड़ में कांग्रेस सरकारी मशीनरी के दुर्पयोग का शिकार बनी?

 

 

इंदौर। भोपाल में पीसीसी की लगातार तीन दिनों से बैठक चल रही है। रविवार को इसमें कांग्रेस के पर्यवेक्षक पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति ने भी हिस्सा लिया।
इस समिति को कांग्रेस की मध्य प्रदेश में हुई पराजय के कारण जानने के लिए नियुक्त किया गया है। वैसे तो पूरा प्रदेश के अनेक कांग्रेसी प्रत्याशियों ने दल बादल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को अपनी हार का कारण बताया है लेकिन मालवा और निमाड़ में दल बादल का सबसे अधिक असर देखा गया।

इस अंचल में विशाल पटेल, संजय शुक्ला, गजेंद्र सिंह राजू खेड़ी जैसे अनेक जनाधार वाले नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अक्षय कांति बम के घटनाक्रम के कारण भी कांग्रेस का माहौल पूरे इंदौर उज्जैन संभाग में बिगड़ा। 2023 का विधानसभा चुनाव हारने के कारण वैसे ही कांग्रेस का मनोबल टूटा हुआ था, उस पर दल बदल ने और वृद्धि की।

जहिर है इससे कांग्रेस का माहौल पूरे मालवा और निमाड़ आंचल में बिगड़ गया। यही पीड़ा केंद्रीय पर्यवेक्षकों के समक्ष पीसीसी की बैठक में जाहिर हुई। लोकसभा चुनाव में हारे कांग्रेस के कई प्रत्याशियों का तर्क है कि उनकी हार पार्टी के कई नेताओं के भाजपा में जाने से हुई, क्योंकि इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया। यह बात प्रत्याशियों ने पार्टी हाईकमान की ओर से प्रदेश में लोकसभा चुनाव में करारी हार की समीक्षा के लिए भेजी गई समिति के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए शनिवार को कही थी ।

कांग्रेस हाईकमान की ओर से भेजी गई समिति में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चाव्हाण, सप्तगिरी उल्का और जिग्नेश मेवाणी शामिल हैं। इन्होंने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर बैठक करके प्रत्याशियों से संवाद किया। कुछ प्रत्याशियों ने यह भी कहा कि प्रदेश के बड़े नेताओं के स्वयं चुनाव लड़ने से भी व्यवस्थाएं लड़खड़ाईं।

लाड़ली बहना योजना का प्रभाव भी रहा। कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन ने धमकाया, डराया। मुरैना लोकसभा सीट से प्रत्याशी सत्यपाल सिंह सिकरवार ने कहा कि विधायक रामनिवास रावत, पूर्व विधायक अजब सिंह कुशवाह, राकेश मावई, महापौर शारदा सोलंकी का पार्टी छोड़कर जाना नुकसान देह रहा।

संगठन की जमावट इनके अनुरूप थी। पूरी टीम इनके साथ चली गई। इसी तरह उज्जैन से प्रत्याशी महेश परमार, धार के प्रत्याशी राधेश्याम मुवेल ने भी दलबदल को चुनाव में हार का बड़ा कारण बताया।
ग्वालियर से प्रत्याशी प्रवीण पाठक ने प्रत्याशी की घोषणा में विलंब को भी हार का एक कारण बताया। रतलाम से प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने कहा कि सरकार ने सभी हथकंडे अपनाए। चुनाव के पहले लाड़ली बहना योजना की राशि खातों में जमा की। काल सेंटर और अधिकारियों-कर्मचारियों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि यदि भाजपा को वोट नहीं मिला तो योजनाएं बंद हो जाएंगी।

कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया। सीधी से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे कमलेश्वर पटेल ने भी अपनी बात रखी। बैठक के प्रारंभ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने समिति के सदस्यों का स्वागत किया, फिर वह चले गए।
समिति के अध्यक्ष पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हार के कारणों की सभी पहलुओं पर पड़ताल होगी। प्रत्याशियों से जानकारी लेने के साथ वरिष्ठ नेताओं से भी फीडबैक लिया जाएगा। इसके बाद समिति रिपोर्ट तैयार करके केंद्रीय संगठन को देगी।